छत्तीसगढ़: बहुचर्चित आईपीएस मुकेश गुप्ता और आईपीएस रजनीश सिंह के खिलाफ बिलासपुर में एफ आई आर दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि दोनों अफसरों के उपर षडयंत्र समेत कई आरोप लगाए लगे हैं।
साल 2014 में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता (ईई) आलोक अग्रवाल के ठिकानों पर पड़े एसीबी के छापे से जुड़ी खबर आई है। ई ई के भाई पवन अग्रवाल द्वारा सीजेएम कोर्ट में प्रस्तुत परिवाद पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एफ आई आर दर्ज करने का आदेश दिया है। कथित तौर पर कूटरचित FIR तैयार करने और असत्य तथा अपूर्ण तथ्यों के साथ सर्च वारंट के आधार पर तलाशी लिए जाने के मसले पर पेश परिवाद पर CJM डमरुधर चौहान के आदेश पर धारा -120-B-IPC, 166-IPC, 167-IPC, 213-IPC, 218-IPC, 380-IPC, 382-IPC, 420-IPC, 467-IPC, 468-IPC, 471-IPC, 472-IPC के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना के निर्देश थाना सिविल साईंस थाने को दिए हैं।
कल देर शाम सिविल लाईंस थाने में अज्ञात के विरुद्ध क्राईम नंबर 0791/2020 कायम कर विवेचना शुरु कर दी गई है।
ACB के अधिकारी विजय कटरे और आलोक जोशी पहुँचे और सर्च वारंट दिखाया, सर्च वारंट में FIR नंबर अंकित नही था,अधिकारीयों ने सर्च के दौरान आवेदन की निजी संपत्ति, स्व अर्जित आय और स्त्रीधन के आभूषण को जप्त किया, और इसके लिए तत्कालीन ACB के मुखिया मुकेश गुप्ता और कप्तान रजनीश सिंह के मौखिक निर्देश का हवाला दिया। इस जप्ती का कोई पत्रक न्यायालय में पेश भी नही किया गया।