चमोली/उत्तरकाशी। उत्तराखंड में फिर से प्रकृति ने कहर बरपाया है। चमोली जिले में बादल फटने से कई इलाकों में भारी तबाही मची। थराली में बाजार और घर पलभर में मलबे में दब गए। कई सड़कें बंद हो गईं, जिससे आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों और स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर राहत-बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए।
देवप्रयाग में अलकनंदा नदी उफान पर है और गंगा का जलस्तर चेतावनी के निशान तक पहुंच चुका है। त्रिवेणी घाट से लाउडस्पीकर पर लगातार अलर्ट जारी किया जा रहा है ताकि लोग सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
वहीं उत्तरकाशी में पानी का बहाव कम होने के बाद जलमग्न हुए होटल और आवासीय भवन दिखाई देने लगे हैं। तेज प्रवाह के कारण झील का मुहाना खुल गया। यमुना नदी में बनी झील को खोलने के लिए ब्लास्टिंग भी की गई, लेकिन सिर्फ एक फीट पानी कम हो पाया है और खतरा अभी भी बरकरार है।
इधर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार ने गैरसैंण में विपक्ष के सवालों से बचने के लिए आनन-फानन में सत्रावसान कर दिया। आपदा की गंभीर स्थिति पर सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है।
प्रदेश में स्थिति गंभीर बनी हुई है और प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।