knn24.com/पिछले कुछ महीनों में दुनिया के कई देशों के साथ चीन के संबंधों में खटास आई है। अमेरिका के खिलाफ ट्रेड वॉर के अलावा चीन भारत के साथ लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनातनी जारी है। ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान जैसे देश भी चीन को संदेह भरी नजरों से देख रहे हैं। इससे चीन के आयात-निर्यात पर असर पड़ा है। कोरोना महामारी के दौर में हालात और खराब हो गए है। ऐसे हाल में चीन खाद्य संकट से गुजर रहा है।

चीन के खाद्य संकट को इस बात से समझा जा सकता है कि LAC पर तनाव के बावजूद चीन ने भारत से चावल आयात करने का फैसला किया है। अब इसका मुकाबला करने के लिए चीन ने नई पॉलिसी बनाई है। वहां खाना बर्बाद करने पर लोगों और रेस्टोरेंट्स पर जुर्माना लगाया जाएगा। यह सब राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ‘ऑपरेशन एम्प्टी प्लेट’ के तहत किया जा रहा है, ताकि लोगों को उतना ही खाने को प्रेरित किया जाए, जितने की उन्हें जरूरत है।


नई पॉलिसी के मुताबिक, रेस्टोरेंट में खाना खाने वाला कोई समूह अपने सदस्यों की संख्या से ज्यादा डिश ऑर्डर नहीं कर सकता है। नए नियमों में प्लेट में खाना छोड़ने पर 10 हजार युआन (करीब 1.12 लाख रुपए) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। रेस्टोरेंट्स को भी यह कानूनी ताकत दी जाएगी कि वे खाना छोड़ने वालों पर जुर्माना लगा सके।


चीन सरकार ओवर ईटिंग को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों पर रोक लगाने की योजना भी तैयार कर रही है। चाइना एकेडमी ऑफ साइंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ बीजिंग और शंघाई में लोग हर साल इतना खाना छोड़ या फेंक देते हैं, जिससे तीन से पांच करोड़ लोगों को पूरे साल खाना खिलाया जा सके। खाद्य संकट के बीच चीन की सरकार लोगों की बर्बादी वाली इस आदत को बदलना चाहती है।


देश में बढ़ते मोटापे को लेकर भी जिनपिंग सरकार चिंतित है। चीन के राष्ट्रीय हेल्थ कमीशन की स्टडी के मुताबिक, 50 करोड़ से ज्यादा लोग ओवरवेट हैं। यानी उनका वजन सामान्य से ज्यादा है। 2002 में वहां मोटापे की दर 7.1% थी। यह 2020 में बढ़कर 16.4% हो गई। रिपोर्ट में शारीरिक गतिविधियां कम होने को मोटापे की वजह बताया गया है।