दिल्ली: नए कृषि संबंधी कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की तरफ से 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ बुलाया है। पिछले 11 दिनों से राजधानी दिल्ली में आकर प्रदर्शन कर रहे किसानों और सरकार के बीच पांचवें दौर की बैठक के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया है।

9 दिसंबर को एक और दौर की बैठक किसानों और सरकार के बीच होने जा रही है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि 8 दिसंबर को होने वाले ‘भारत बंद’ का कैसा स्वरूप रहेगा? क्या चालू रहेगा और क्या बंद रहेगा? ऐसे कई सवाल आपके मन में चल रहे होंगे। आइये बताते हैं भारत बंद के वो कौन सी सेवाएं चालू रहेंगी और क्या कुछ बंद रहेगा।

11 दलों ने किया ‘भारत बंद’ का समर्थन

किसान संगठनों की तरफ से बुलाए गए भारत बंद का देश के 11 राजनीतिक दलों ने समर्थन किया है। इनमें शामिल प्रमुख दल हैं- कांग्रेस, आरजेडी, ममता बनर्जी की टीएमसी, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, तेलंगाना की सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति और एनडीए की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी। राजस्थान से सांसद और आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल ने तो यहां तक कह दिया है कि वे 8 दिसंबर के बाद एनडीए के साथ रहने या ना रहने पर अपना फैसला लेंगे।

3 बजे तक रहेगा चक्का जाम

किसानों की तरफ से रविवार को यह जानकारी दी गई है कि ‘भारत बंद’ के दिन सुबह आठ बजे से लेकर शाम तक यह देशव्यापी बंद रहेगा, इसके साथ ही, सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक पूरी तरह से चक्का जाम रहेगा।

ऐसे में अगर आप इस दिन बाहर निकलने के बारे में रहे हैं तो इन बातों को जरूर ध्यान रखें, इसके अलावा, सिर्फ जरूरी सेवाओं की ही इजाजत होगी. एंबुलेंस वगैरह को इस प्रदर्शन के दौरान नहीं रोका जाएगा। इसके अलावा शादियों को गाड़ियों को भी भारत बंद के दौरान नहीं रोकने का फैसला लिया गया है।

दूध-फल-सब्जी की सेवाओं पर रोक

भारत बंद के दिन किसान संगठनों ने दूध, फल और सब्जी की सेवाओं पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला किया है, यानी आपको 8 दिसंबर को इसकी सेवाएं शायद ना मिल पाए, गौरतलब है कि दिल्ली में प्रदर्शन करने आए किसानों का रविवार को ग्यारहवां दिन है। 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद बुलाया है।

अब तक केन्द्र सरकार के साथ किसान संगठनों की पांच दौर की बैठक हो चुकी है। छठे दौर की बैठक 9 दिसंबर को होगी, किसान तीन नए कानून- 1 मूल्य उत्पादन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 2, आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 और 3। किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 का विरोध कर रहे हैं।