knn24.com/ उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन इलाके में रविवार को हुए हादसे के बाद 203 लोग लापता हैं। तपोवन में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और NTPC प्रोजेक्ट साइट को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। यहां अब तक अलग-अलग जगहों से 14 शव बरामद किए गए हैं। NTPC प्रोजेक्ट साइट पर दो टनल हैं। पहली टनल में फंसे 16 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि दूसरी टनल में 35 वर्कर्स फंसे हैं।

ढाई किलोमीटर लंबी इस टनल में रविवार रात पानी बढ़ जाने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था। NDRF की टीम ने सोमवार सुबह जलस्तर घटने के बाद ऑपरेशन फिर शुरू कर दिया है। इस टनल के 100 मीटर हिस्से से मलबा हटा दिया गया है।

तपोवन में रविवार सुबह 10 बजे ग्लेशियर टूटकर ऋषिगंगा नदी में गिरने के बाद ये हादसा हुआ। इससे बेतहाशा बाढ़ के हालात पैदा हो गए और धौलीगंगा पर बन रहा बांध बह गया। ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और सरकारी कंपनी NTPC के प्रोजेक्ट तबाह हो गए। ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में 32 वर्कर्स लापता हैं। यहां से 5 किलोमीटर दूर NTPC के प्रोजेक्ट पर हादसे के वक्त 176 मजदूर ड्यूटी पर थे। इनमें से 121 लापता हैं। इसके अलावा कुछ ग्रामीण और मवेशी भी लापता हैं।

सीएम रावत ने आपदा के दूसरे दिन चौंकाने वाला बयान दिया
उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि जो ढाई किलोमीटर लंबी टनल है, उसमें से मलबा हटाया जा रहा है। वहां कीचड़ भी। रस्सियों के सहारे ITBP के जवान इस टनल के मुहाने पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि इस टनल में से मलबा हटाना बहुत मुश्किल चुनौती है। उन्होंने बताया कि धौलीगंगा और ऋषिगंगा मिलती हैं। इस वजह से धौलीगंगा पर 3 प्वाइंट पर मलबा जम गया है।

हादसे के बारे मेें जानकारी देते वक्त रावत ने चौंकाने वाला बयान भी दिया। उन्होंने कहा कि कल तक यानी रविवार तक उन्हें तपोवन के प्रोजेक्ट की जानकारी ही नहीं थी।