knn24.com/ कृषि कानूनों के खिलाफ 18 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में अब पंजाब पुलिस भी आ गई है। DIG (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ADGP (जेल) पीके सिन्हा ने इस्तीफे की कॉपी मिलने की पुष्टि की है। लखमिंदर ने लिखा कि प्रदेश के किसान परेशान हैं। ठंड में खुले आसमान के नीचे सड़कों पर बैठे हैं। मैं खुद एक किसान का बेटा हूं, इसलिए इस आंदोलन का हिस्सा बनना चाहता हूं। तुरंत प्रभाव से पदमुक्त करें, ताकि दिल्ली जाकर अपने किसान भाइयों के साथ मिलकर अपने हक के लिए लड़ सकूं।

उधर, किसान कानून वापसी के अलावा किसी भी तरह के संशोधन के लिए तैयार नहीं हैं। इसी को लेकर किसान आज दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद कर सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी, तो वे सोमवार को भूख हड़ताल करेंगे।

सरकार की इमेज चमकाने के लिए IRCTC की पहल
आंदोलन के मद्देनजर IRCTC ने शीर्षक ‘पीएम मोदी और उनकी सरकार के सिखों के साथ खास रिश्ते’ का 47 पेज का एक अटैचमेंट भेजा है। IRCTC के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि इस तरह की बुकलेट कुछ दिन पहले जारी की गई थी। सभी सरकारी ऑफिसों ने इसे लोगों को भेजा था। ये डॉक्युमेंट उन लोगों को मेल किया गया था, जिनका सरनेम ‘सिंह’ हो या पंजाब से संबंध हो।

राजस्थान के हजारों किसान दिल्ली पहुंचेंगे
किसान नेता कमलप्रीत सिंह ने कहा कि रविवार को राजस्थान के हजारों किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। इस दौरान वे दिल्ली-जयपुर हाईवे को ब्लॉक करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे आंदोलन खत्म करने के लिए कई हथकंडे अपनाए, लेकिन हमने सब फेल कर दिया।

कानून वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं
कमलप्रीत ने कहा कि सरकार ने हमें बांटने की भरपूर कोशिश की। जीत मिलने तक हम लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। 14 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर कई किसान नेता एक साथ मंच पर आएंगे और भूख हड़ताल करेंगे। हमारी मांग है कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। हम किसी भी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं हैं।

मांगें नहीं मानी गईं तो भूख हड़ताल शुरू करेंगे
इस बीच, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने शनिवार को बताया था कि किसानों की पंजाब से आने वाली कई ट्रॉलियों को सरकार ने रोक लिया है। हम लोग सरकार से अपील करते हैं कि वो किसानों को दिल्ली पहुंचने दें। अगर सरकार 19 दिसंबर से पहले हमारी मांगे नहीं मानती है, तो हम गुरु तेग बहादुर के शहादत दिवस से भूख हड़ताल भी शुरू करेंगे।