कोरबा: पालकों के द्वारा लगातार संघर्ष किया जा रहा है। निजी स्कूलों एवं पालकों के बीच मनमानी फीस को लेकर आक्रोशित है। उसको देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनिमयन अधिनियम 2020 (Fee Control Law Implemented In Chhattisgarh) को लागू कर दिया है। 28 सितंबर को छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशन होने के बाद यह अधिनियम प्रभावशील हो गया है। अधिनियम के अनुसार सभी निजी स्कूल में 1-माह के भीतर विद्यालय फीस समिति का गठन किया जाएगा। जिला स्तर पर एवं राज्य स्तर पर भी फीस निर्धारण समिति का गठन होगा। इस संबंध में पैरेंट्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ने कहा है कि अधिनियम के प्रभावशाली होने के बाद पूर्व में लिए जा रहे हैं सभी स्कूलों का फीस स्ट्रक्चर अमान्य हो गए हैं। 28 सितंबर के बाद वसूला जा रहा स्कूल फीस नियम विरुद्ध एवं अवैधानिक है। सभी निजी स्कूलों को अधिनियम की धारा 10 के तहत नए सिरे से फीस तय करना होगा जिसके लिए प्रबंधन को विद्यालय फीस समिति और अभिभावक संघ से फीस स्वीकृत कराना होगा। पेरेंट्स एसोसिएशन ने जिला कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी को वर्तमान फीस वसूली पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। शहर के सीबीएसई स्कूल छात्र छात्राओं को परीक्षा में शामिल नहीं करने का भय दिखाकर अवैधानिक रूप से फीस वसूली कर रहे हैं, जबकि फीस विनिमयन अधिनियम लागू होने के बाद सितंबर के पूर्व निर्धारित स्कूल फीस शून्य घोषित हो गया है। कोरबा पालक संघ ने मांग किया है कि अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार नया फीस निर्धारण होने तक निजी स्कूलों में जारी फीस वसूली पर नियमानुसार तत्काल रोक लगाई जाए। समस्त पालकों से भी निवेदन किया गया है कि यदि कोई स्कूल पुराने दर पर फीस वसूली कर रहा है तो उसकी शिकायत प्रशासन एवं शिक्षा विभाग से करें।