
अनवर ने किया 2000 करोड़ का शराब घोटाला
रायपुरः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने होटल अन रन्तर करने के बाद प्रेस रिलीज बताया गया है कि किस तरह 2000 रुपए का घोटाला किया इस पूरे कामान्दरमा अनकर जिसके नेतृत्व में एक संगठित आसनगढ़ में काम कर रहा था। यह सग के जरिए कर कमीशन अपने अपने थापाला की और से जारी बयान के अनुसार इस लिस्ट में सराब कारोबारी राजनेता और उच्च प्रशासनिक कमल थे। इसके जरिए प्रदेश में हर अवैध राशि प्राप्त होती थी
अवैध कारोबार
ईडी की ओर से जारी विज्ञसमें इसका है कि अनवर र मे राजनीतिक और प्रशासनिक पीकेएल अबकारी विभाग में अपने करीबी अधिकारी कार अरविन्द सिंह की नियुक्ति करवाई। वहीं निजी डिस्टिलर्स एफ-10 ए आबकारी विभाग के अधिकारियों, जिला सर के आधिकारियों मै कर लीग्राम क कलेक्टर से लेकर कारोवार की पूरी श्रृंखला को नियंत्रित किया। इस पूरे पेट के जरिए कमीशन की वसूली की गई।
800 शासकीय दुकानों का संचालन
राज्य में शराब की खरीदी और बिक्री पर सरकार का नियंत्रण है। वहीं [800] शराब दुकानों का संचालन भी सरकार द्वारा किया जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएनसीएल) राज्य में येथे जानेवाले सभी शराब की खरीदी केंद्रीय रूप से करता है।
4 साल में 1200-1500
करोड़ की वसूली
केदौरान 2019 से 2022 राज्य में शराब की करीब 30-40 फीसदी अ 1200-1500 करोड़ रुपए की अवैध वसूली इस बारे में ईडी को पुख्ता जानकारी पेमारी कर एक किए गए। इसके बाद अनवर को गिरफ्तार कर उसे पूछताछ के लिए 4 दिन की रिमांड पर लिया गया ईडी ने रिमांड आवेदन में माया कि किस तरह से इस पूरे खेल को चलाया जा रहा था।
ईडी ने मार्च में उसके अवतीय परिसर सहित छत्तीसगढ़ पश्चिम बंगाल और दिल्ली में 35 स्थानों पर मारेजीको इसके बाद ईडी ने के लिए अप सातबारा जारी किया लेकिन यह हर बार देकर निकल
प्रति बोतल 75-150 रुपए कमीशन
ईडी को पता तीन अलग-अलग तरीकों सेहो रहा था. जिसमें की सभी खरीदी पर सिडिकेट द्वारा प्रतिब 75-150 पर कमीशन लिया गया।
अनवर भर द्वारा दिना हिसाब-किताब के देशी शराब बनाकर सरकारी दुकान के माध्यम से गया। इसे राजकोष में बिना जमा कराए बिजी की पूरी रकम सिडिकेट द्वारा रखी गई में इप्लीकेट होलोग्राम लगाने के लिए नगदी में नमी ही राज्य गोस्टर्स से दुकानों तक पहुंचाया गया।
के लिए मैन को प्रतिक्षित किया गया साथ ही नकदी में की गई। विदेशी शराब एफ-10 एन गया। यह लाइसैं अनबर के सहयोगियों दिए
ईडी ने इस तरह अनवर ढेबर को पकड़ा
जाता था। उसने इस दौरान एक बार भी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। ईडी के अनुसार वह लगातार बेनामी सिम कार्ड इंटरनेट का उपयोग कर लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था। इस दौरान अनवर का लोकेशन ट्रेस कर 6 मई को रात उसे रायपुर के एक से
पकड़ा, जहां के डर से यह नाम से होटल में रुका हुआ कड़े जाने के बाद उसने भागने की कोशिश की। लेकिन ईडी ने गिरवर करने के विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेशकर पूछताछ के लिए 4 दिन की पर लिया है।
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