knn24.com/ कोरबा में 11 महीनों से कई ट्रेनों का परिचालन बंद है। आम जनता व यात्रियों को इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेनों को वापस पटरी पर लाने अब रेल संघर्ष समिति के सदस्य गांधीगिरी के जरिए धरना प्रदर्शन करेंगे। श्रमिक संगठन सीटू द्वारा फरवरी में बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही है। क्षेत्रीय रेल प्रबंधक (एआरएम) कार्यालय के समक्ष बैठकर भजन-कीर्तन करेंगे।
कोरबा के आम यात्रियों एवं विशेषकर व्यवसायी वर्ग के लिए लंबे समय से सुबह बिलासपुर व रायपुर जाकर शाम-रात तक शहर लौटने ट्रेन सुविधा की मांग की जा रही है। इसके लिए हसदेव एक्सप्रेस का परिचालन पुन: शुरू करने पर जोर दिया जा रहा है। रेल संघर्ष समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने नवंबर में रेलवे डीआरएम से भेंट कर कोरबा में निर्मित समस्याओं से अवगत कराया था।
इस बैठक में डीआरएम ने दिसंबर में एक फास्ट मेमू लोकल देने का वादा किया था, जो अब तक अधूरा है। आवागमन में समुचित माध्यम की समस्या से राहत के लिए मंडल मुख्यालय से मांगी गई ट्रेन का अब तक पता नहीं है। कई जोन में पहले से ही पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया है और अब उसमें विस्तार करने की सूचनाएं जारी की जा रहीं।
पर कोरबा के लिए हसदेव को बंद करने के एवज में एक मात्र ट्रेन का वादा कर के भी पूरा करने की दिशा में रेल प्रशासन कोई प्रयास नहीं कर रहा। कोरबा के साथ बिलासपुर से कटनी रूट पर भी एक फास्ट मेमू लोकल भी चलाई जाने की बात कही गई थी, पर अब तक इस दिशा में कुछ नहीं किया गया। ट्रेन नहीं होने के कारण कोरबा के आम यात्रियों एवं विशेषकर व्यवसायी वर्ग लंबे समय से परेशान हो रहे हैं।