गुजरात में कोरोना के बढ़ते मामलों से अब श्मशान भी जूझ रहे हैं। सूरत शहर के श्मशान में चौबीस घंटे शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। इस कारण लकड़ियों की कमी हो गई है। अब अंतिम संस्कार के लिए शुगर फैक्ट्रियों से गन्ने के छिलके (खोई) मंगवाने पड़ रहे हैं। इन्हें लकड़ियों के बीच में भरकर शवों को जलाया जा रहा है।सूरत में जहांगीरपुरा श्मशान, रामनाथ घेला श्मशान और अश्वनी कुमार श्मशान घाट में जगह कम पड़ने पर लिंबायत और पाल इलाके में बंद पड़े श्मशान शुरू कर दिए गए हैं। यहां अब चौबीस घंटे कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है, लेकिन ये भी नाकाफी साबित हो रहा है। लंबी वेटिंग होने के कारण शवों को क्रिया कर्म के लिए दूसरे शहर भी भेजा जाने लगा है।