बस्तर आईजी के मुताबिक मुठभेड़ में मारे गए 6 नक्सलियों पर कुल 38 लाख रुपए का इनाम था। पूर्व बस्तर डिविजन के नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर ऑपरेशन लांच किया गया था।

ये नक्सली मारे गए
मारे गए नक्सलियों में 8 लाख का इनामी मसिया उर्फ मेसिया मंडावी प्लाटून नंबर 2 कमांडर, 5 लाख का इनामी जयलाल सलाम उर्फ सैता एसीएम बयानार एरिया कमेटी, 8 लाख का इनामी रमेश कोर्राम उर्फ बोंजा पीएलजीए कंपनी नंबर 6 डिप्टी कमांडर, 8 लाख का इनामी सन्नी उर्फ सुंदरी पीएलजीए कंपनी नंबर 6 सदस्य, 8 लाख की इनामी सजन्ती पोयाम पीएलजीए कंपनी नंबर 6 सदस्य, 1 लाख की इनामी जननी उर्फ जन्नी शामिल हैं।
मुठभेड़ के बाद बरामद हथियार
मुठभेड़ के बाद जवानों ने सर्चिंग की तो उन्हें चार पुरुष और दो महिला नक्सलियों के शव के साथ 2 थ्री नॉट थ्री राइफल, 1 315 बोर रायफल, 1 बीजीएल लांचर, 3 12 बोर रायफल, 10 बीजीएल सेल, 12 बोर का पोच, जिंदा कुकर बम बरामद हुआ है।
जवानों की बड़ी सफलता
समूचे बस्तर में फोर्स के जवानों का मनोबल भी इस वक्त काफी ऊंचा है। कांकेर जिले के माड़ इलाके में बीते महीने 16 तारीख को हुई मुठभेड़ में जवानों ने 29 नक्सलियों (CG Naxal Attack) को जब मार गिराया तो इसे फोर्स की सबसे बड़ी सफलता बताया गया। नारायणपुर जिले में मंगलवार को हुई मुठभेड़ में भी जवानों ने बेहद सुनियोजित तरीके से 10 नक्सलियों को मारा।

घने जंगलों में जवान चला रहे सर्चिंग ऑपरेशन
नक्सलियों का खात्मा करने जवानों ने कार्रवाई तेज कर दी है। एक तरफ जो नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते है उनके लिए पुलिस अधिकारी बस्तर के इलाकों में जा-जाकर अभियान चला रहे है। पुलिस द्वारा अभियान चलाने से नक्सली प्रेरित होकर आत्मसमर्पण कर रहे है। वहीं कुछ आतंकी जंगलों में छिपकर उत्पात मचा रहे है। इन आतंकियों के लिए जवान घने जंगलों में सर्चिंग ऑपरेशन चला रहे है। बता दें कि 100 दिनों में जवानों ने मुठभेड़ में 105 आतंकियों को मार गिराया है।
जवानों के अभियान से आत्मसमर्पण कर रहे नक्सली
एक तरफ जहां जवान-नक्सली मुठभेड़ हो रही है वहीं दूसरी और सुरक्षाबल बस्तर के हार एक गांव में अभियान चला रहे है। बस्तर के चप्पे-चप्पे में तैनात होकर जवानों ने कैंप खोला है। नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर साधारण जीवन जीने के लिए जवान बस्तर के हर इलाके में अभियान चला रहे है। इससे प्रभावित होकर कई नक्सलियों ने हिंसा का राह छोड़कर आत्मसमर्पण किया है।
जवानों के सर्जिकल स्ट्राइक से घबराए नक्सली
नक्सली हिंसा का खात्मा करने जवान बस्तर में सर्जिकल स्ट्राइक चला रहे है। मुखबिरी द्वारा नक्सलियों के जंगल में छिपे होने की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबल तुरंत एक्शन में आ रहे है। रात पर एम्बुंश चलाने के बाद जवान सुबह होते ही नक्सलियों से भीड़ रहे है। चार दशकों में पहली बार जवानों का पलड़ा भारी देखकर माओवादी प्रशासन से बात करके हिंसा को खत्म करने के लिए तैयार है।

