जिस तरह फ्रांस में शैम्पेन… मेक्सिको में टकिला…एस्कॉटलैंड में स्कॉच की एक अंतराष्ट्रीय पहचान है ठीक उसी तर्ज पर अब बस्तर के महुआ को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए तैयारी शुरू हो गई है। दरअसल बस्तर बोटेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड अपने स्टार्टअप में महुआ से शराब (Bastar Liquor) बनाने के लिए प्लांट लगा सकती है। इसके लिए लोहांडीगुड़ा ब्लॉक के धुरागांव में जगह भी चयनित किया जा चुका है।
बताया जा रहा है कि इसके प्लांट को लगाने के लिए जल्द ही जनसुनवाई हो सकती है। इस कंपनी का काम महुआ से सिर्फ शराब बनाने का लक्ष्य नहीं है बल्कि यहां आने वाले समय में महुआ समेत यहां के जंगलों में मिलने वाली जड़ी-बूटियों, दुर्लभ पौधों और महुआ के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर विकसित करना है। जिससे की बस्तर के संसाधनों का अंतरराष्ट्रीय मार्केट तैयार किया जा सके।
महुआ का जीआई टैग भी बस्तर के हिस्से
कंपनी का कहना है कि महुआ के लिए समर्पित एक शोध और विकास केंद्र स्थापित करने की योजना पर काम चल रहा है। यह केंद्र न केवल उत्पादन तकनीकों को परिष्कृत करेगा बल्कि नए (Bastar Liquor) उत्पादों का आविष्कार भी करेगा। जिससे यह सुनिश्चित होगा कि महुआ की गुणवत्ता और विशिष्टता बेजोड़ बनी रहे। इस दृष्टि का एक अभिन्न हिस्सा महुआ के लिए भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग को सुरक्षित करना है। यह न केवल आत्मीयता को सुरक्षित करेगा बल्कि इसकी वैश्विक प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।
बस्तर कलेक्टर ने कहा…
महुआ से डिस्टिलरी बनाने के लिए एक कंपनी ने रूचि दिखाई है। इसके लिए धुरागांव में जगह का चयन किया गया है, लेकिन प्लांट को लगाने के लिए स्थानीय लोगों की सहमति जरूरी है। इसलिए जल्द ही जन सुनवाई की जाएगी। यदि हरी झंडी मिलती है तो कंपनी यहां प्लांट (Bastar Liquor) लगाने का काम शुरू कर सकती है। फिलहाल लोगों की सहमति जरूरी है इसलिए 10 जून को इसकी सुनवाई गांव में ही की जाएगी।
