एसईसीएल की ब्लास्टिंग से उजड़ा गरीब का आशियाना, पैदा हुई सिर छुपाने की समस्या

कोरबा जिले के भू विस्थापित वैसे तो एसईसीएल की वादाखिलाफी से खासे नाराज हैं । आए दिन उनके द्वारा प्रदर्शन किया जाता है । इस दौरान कई बार उन्होंने अधिकारियों के दफ्तरों को भी घेरा , लेकिन इन सबके बावजूद उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है । इसे दोहरी मार ही कहेंगे कि एक ओर भूविस्थापितो को नौकरी व मुआवजा नहीं दिया जा रहा । वहीं दूसरी तरफ एसईसीएल की ब्लास्टिंग से उनके मकानों में दरार आने लगी है। अमगांव निवासी नरेश सिंह कंवर का घर एसईसीएल की हैवी ब्लास्टिंग के कारण क्षतिग्रस्त हो गया । ग्रामीण ने इसकी लिखित शिकायत हरदी बाजार के थाने में दर्ज कराई है । पीड़ित के अनुसार वह भू विस्थापित है उसे अब तक नौकरी व मुआवजा नहीं दिया गया लेकिन इसके बाद दी उसने जैसे तैसे करके अपना घर बनाया जो अब एसएसीएल के ब्लास्टिंग के कारण टूटने के कगार पर पहुंच चुका है। नरेश कुमार ने एसईसीएल प्रबंधन से मुआवजा की मांग की है, लेकिन उसे मुआवजा मिलेगा या नहीं यह अभी यह एक प्रश्न है । वैसे तो स्थानीय नेता लोगों के रहनुमा बनते फोटो खिंचवाते नजर आते हैं । लेकिन इस ग्रामीण की परेशानी में वह कहीं भी नजर नहीं । आए क्या यह नेता सिर्फ फोटो खिंचवा कर वाहवाही लूटना चाहते हैं , या फिर जमीनी स्तर पर काम कर गरीबों की कुछ मदद भी करेंगे । वैसे तो यह पहला मामला नहीं है जब ब्लास्टिंग में किसी का घर क्षतिग्रस्त हुआ हो, इससे पहले भी कई मौकों पर भू विस्थापित ग्रामों के ग्रामीण अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं । लेकिन प्रबंधन पर इसका कोई असर नहीं होता और वह मनमानी करते चला आ रहा है , और शायद यही सिलसिला आगे भी चलता रहेगा।

 

सूत्र बताते है की भू विस्थापितों की समस्या वर्षों पुरानी है , लेकिन ये अपने नेताओं के कारण ही ठगे  जाते हैं । कई बार आंदोलन  भी किया जाता है लेकिन कथित नेता ऊपर सेटिंग कर देते हैं।