
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लगातार बारिश जारी है, जिससे यहां के नदी-नाले उफान पर हैं और रिहायशी कॉलोनियां जलमग्न हो गई हैं। जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर में भी कई इलाकों में पानी भर जाने के कारण लोगों को घर से बेघर होना पड़ रहा है। जांजगीर जिले के कुछ इलाकों में मोटरबोट भेजकर लोगों को निकाला गया। बिलासपुर-कोरबा की बड़ी रिहायशी बस्तियों में पानी घुस गया तो इन सभी जिलों के सैकड़ों एकड़ में लगी फसल पानी भरने के कारण बरबाद हो गई।
राजधानी रायपुर में भी पिछले कई दिनों से बारिश हो रही है। जिसके कारण जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। खासतौर पर स्कूली बच्चों और कामकाजी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार भारी बारिश ने छत्तीसगढ़ के बड़े हिस्से खासकर बस्तर, रायपुर और दुर्ग संभाग में हालात बिगाड़ दिए हैं। इंद्रावती और शबरी के अलावा महानदी और शिवनाथ भी उफन रही है। इस वजह से अधिकांश ग्रामीण रास्ते बंद हो गए हैं।
जांजगीर-चांपा में भारी बारिश, उफान पर लीलागर नदी
अगर जांजगीर-चांपा की बात करें, तो पामगढ़ ब्लॉक की सीमा में बहने वाली लीलागर नदी लगातार बारिश के कारण उफान पर है। इसके चलते आसपास के पुल-पुलियों पर 4 से 5 फीट ऊपर तक पानी बह रहा है। जिले में ऐसे कई पुल-पुलिए हैं, जिस पर कोई रेलिंग भी नहीं है, ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा होने की आशंका बनी हुई है।
लीलागर नदी जांजगीर-चांपा और बिलासपुर के बीच बहती है। अब इसके उफान पर होने से दोनों जिला मुख्यालयों का संपर्क ग्रामीण इलाकों से कट गया है। ग्रामीण इलाकों में जलभराव के कारण लोग घर छोड़ने को मजबूर हैं। वे जान जोखिम में डालकर नदी नालों को पार कर रहे हैं। पामगढ़ क्षेत्र का खरखोद गांव भी टापू बना हुआ है। यहां बने संकरी पुलिए के ऊपर से पानी बह रहा है, फिर भी लोग जान जोखिम में डालकर बिलासपुर और शिवरीनारायण इलाके में आवागमन कर रहे हैं।
मोटर बोट के जरिए जलमग्न इलाकों से निकले लोग
इस गांव तक पहुंचने के लिए दूसरा रास्ता भी है, लेकिन वो 20 किलोमीटर लंबा है। लोग दूरी और समय बचाने के लिए जान जोखिम में डाल रहे हैं। जांजगीर-चांपा जिले के खरखोद समेत कुछ जलमग्न वाले इलाकों से लोगों को मोटर बोट के जरिए निकाला गया है।
खरखोद गांव बना टापू
खरखोद गांव के उपसरपंच सुनील खूंटे ने बताया कि बाढ़ की वजह से गांव के हालात बदतर हो हो चुके हैं। सैकड़ों एकड़ फसल बाढ़ में बर्बाद हो चुकी है। लोगों के घरों में पानी घुस चुका है, बिजली भी नहीं है। ऊपर से सांप-बिच्छुओं और जहरीले कीड़ों का डर अलग सता रहा है। गांव के गौठान, चारागाह सभी डूब चुके हैं। किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इधर बाढ़ का पानी उतरने के बजाए लगातार बढ़ रहा है।
