कटघोरा। नगर पालिका क्षेत्र में हाल ही में लोकार्पित चौपाटी और पुष्पवाटिका अब भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का प्रतीक बनती जा रही हैं। 10 जुलाई को बड़े ही धूमधाम से उद्घाटन किए गए इन दोनों प्रोजेक्ट्स की जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।
नगरपालिका द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, चौपाटी पर 19.41 लाख रुपये और पुष्पवाटिका पर 62.69 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। लेकिन जब इन स्थानों पर जाकर स्थिति का जायजा लिया गया तो बेंच तक नहीं, स्ट्रीट लाइट अधूरी, फव्वारे गायब और निर्माण कार्य अधूरा पाया गया। पुष्पवाटिका की हालत और भी खराब है — पौधों के नाम पर गड्ढे, मिट्टी और कूड़ा नजर आता है।
DMF फंड की खुली लूट
खनिज प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए बनाए गए DMF फंड को अफसरों और ठेकेदारों ने लूट का जरिया बना लिया है। आरोप हैं कि निर्माण कार्य में 30% से 50% तक कमीशन की डील तय हुई, जिसमें अफसरों से लेकर ठेकेदारों और कार्यालय तक पैसा बांटा गया।
फाइलों में आंकड़े, ज़मीन पर गड्ढे
दावा किया गया था कि चौपाटी में हर सुविधा होगी — बैठने की अच्छी व्यवस्था, सुंदर टाइल्स, जल फव्वारे और रोशनी की पूरी व्यवस्था। मगर सच्चाई ये है कि स्टील के कुछ अधूरे स्ट्रक्चर और अधपकी टाइल्स के अलावा वहां कुछ नहीं है। वहीं पुष्पवाटिका में पौधारोपण के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई है।
