कोरबा: गेवरा-पेंड्रा रेल कॉरिडोर निर्माण में राखड़ से किसानों की फसलें और स्वास्थ्य खतरे में

कोरबा। गेवरा-पेंड्रा रेल कॉरिडोर के निर्माण में बड़ी अनियमितता सामने आई है। समतलीकरण कार्य में मिट्टी की जगह बिजली संयंत्रों से निकलने वाली राखड़ का उपयोग किया जा रहा है, जो अब किसानों के लिए गंभीर समस्या बन गई है।

बारिश के कारण बेतरतीब ढंग से डाली गई राखड़ बहकर भैरोताल और कुचेना क्षेत्र के धान के खेतों में पहुँच गई। किसानों का कहना है कि पिछले एक साल से लगातार बड़ी मात्रा में राखड़ खेतों और खाली जमीन में डाली जा रही है। गर्मियों में यह राखड़ उड़कर आसपास के रिहायशी इलाकों में भी प्रदूषण फैला रही थी।

एनटीपीसी दीपका रेल लाइन और बांकी-कुसमुंडा सड़क मार्ग के बीच के खेत भी राखड़ से प्रभावित हुए हैं। किसानों ने मवेशियों को बचाने के लिए हजारों रुपए खर्च कर फेंसिंग करवाई थी, लेकिन राखड़ के कारण उनकी मेहनत बेकार हो गई।

स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे उच्च न्यायालय जाएंगे और आंदोलन करेंगे। धनरास से कटघोरा रोड तक सड़कों पर राखड़ बिखरी हुई है। तेज हवा में उड़ती राखड़ से धुंध जैसा माहौल बन जाता है, जिससे लोगों और मवेशियों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है।

किसानों का आरोप है कि ट्रकों की ओवरलोडिंग और परिवहन विभाग की लापरवाही से राखड़ सड़कों पर गिर रही है, जिससे क्षेत्र में प्रदूषण और सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है।