कोरबा-कोरोना काल में जिला प्रशासन ने शादी सहित अन्य कई आयोजनों में सशर्त मंजूरी दी है, ताकि कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम जिले में हो सके तथा जिले में बाल विवाह पर भी विशेष निगरानी रखते हुए लोगों को जागरूक करने निर्देश दिया है जिसका परिपालन भी जिले में देखने को मिल रही है वही इसी बीच कटघोरा विकासखंड अंतर्गत हो रहे नाबालिक बच्चे की शादी को रोकने में प्रशासन को सफलता मिली है।प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा कटघोरा विकासखंड के अंतर्गत एक गांव में नाबालिग के विवाह को रुकवाया गया।बाल विवाह की सूचना मिलते ही महिला बाल विकास के निर्देश में एक संयुक्त जांच दल बाल विवाह रुकवाने के लिए पहुंची। संयुक्त दल में महिला व बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग एवं सदस्य मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि कटघोरा थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत धवईपुर के आश्रित ग्राम रामनगर में आज बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर महिला बाल विकास परियोजना कटघोरा एवं पुलिस थाना कटघोरा की टीम के साथ निरीक्षण किया गया, जिसमें रामनगर निवासी मुनीराम की दो पुत्रियों का विवाह आज होना पाया गया जिसमें एक पुत्री की आयु 18 वर्ष से ऊपर एवं दूसरी पुत्री नाबालिक थी।

शासन के नियमानुसार बाल विवाह गैर-कानूनी है एवं बाल विवाह अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह करने पर एक लाख जुर्माना व 2 वर्ष की सजा का प्रावधान है साथ ही कोरबा जिले में कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए 17 मई तक जिले में पूर्ण लॉकडाउन लगा हुआ है।अधिकारियों ने परिवार के सदस्यों को समझाईश देकर विवाह नही करवाने के निर्देश दिए गये तथा 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी पुत्री का विवाह भी लॉक डाउन के समाप्त होने के बाद अनुमति लेकर विवाह करने की बात कही। परिजनों ने नाबालिग पुत्री के विवाह ना करने की सहमति देकर बालिक होने पर शादी करनें की बात कही।जाँच टीम द्वारा परिजनों को 18 वर्ष की निर्धारित आयु पूर्ण होने के उपरांत ही शादी करने का शपथ पत्र परिजन से भरवाया गया तथा नियम तोड़ने पर वैद्यानिक कार्यवाई की चेतावनी दी गई है।