कोरबा में कोरोना के दुसरे लहर का प्रभाव, डेढ़ महीने में गई 404 लोगो की जान, उपकरणों के कमी के कारण कुछ चिकित्सकों से हुई लापरवाही

कोविड-19 की दूसरी लहर के 43 दिनों में उपकरणों के कमी के कारण चिकित्सकों की लापरवाही से जिले में 404 मरीजों की मौत हो गयी। जबकि कोरोना के पहले दौर में 232 दिनों में केवल 204 मरीज काल कवलित हुए थे। हालांकि 43 दिन के भीतर जिले में 404 से अधिक लोगों की मौत हुई है, लेकिन शेष मौतों को कोरोना के इलाज के दौरान हार्टअटेक, शुगर, बी. पी. और दिगर बीमारियों से होने के कारण कोरोना मृत्यु नहीं माना गया है।कोविड-19 महामारी ने बीते बरस से अब तक पूरे देश और प्रदेश के साथ कोरबा जिला को भी बेहाल कर रखा है। दैनिक अखबार “पत्रिका कोरबा” की रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना के पहले दौर में कोरबा जिले में 21 अगस्त 2020 से लेकर 31 मार्च 2021 तक 232 दिनों में 204 लोगों की मौत कोरोना से हुई थी। जबकि 01 अप्रेल 2021 से 13 मई 2021 तक 43 दिन में कोरोना ने 404 लोगों की जान ले ली है। इस बीच जिले में कोरोना मरीजों की संख्या में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है।जिला प्रशासन की मानें तो- “कोरबा में कोरोना संक्रमण की बेतहाशा वृद्धि और अत्यधिक मरीजों की मौत, होम आइसो लेसन के साथ- साथ डाक्टरों द्वारा कोविड मरीजों के इलाज और देखभाल में चूक के कारण हुई है। “

जिला प्रशासन का कथन है कि- “पाॅजिटिव रिपोर्ट आने के साथ ही होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना का ईलाज कराने वाले मरीजों की देखरेख और निगरानी के लिए जिले के दो सौ से अधिक डाॅक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी जाती है। पहले डाॅक्टरों द्वारा मरीजों से संपर्क में देरी, मरीजों से संपर्क नहीं करने, उन्हें उचित ईलाज और सलाह नहीं देने जैसी चूकें प्रशासन के संज्ञान में आ रही थी। इस कमी से होम आइसोलेशन में रहने वाले कुछ मरीज संक्रमण की गंभीर अवस्था में पहुंच रहे थे और ऐसी स्थिति में कोविड अस्पतालों में भी उनके ईलाज में डाॅक्टरों को भारी मशक्कत करनी पड़ रही थी। कई गंभीर अवस्था वाले मरीजों का ईलाज के दौरान निधन भी हो रहा थााहोम आइसोलेशन के दौरान मरीजों और उनके परिजनों द्वारा निर्धारित प्रोटोकाॅल का उल्लंघन करने, घर के बाहर लगे स्टिकर को फाड़कर फेकने से लेकर बाहर घूमने जैसीशिकायतें भी प्रशासन को मिल रही थी। इन सब गतिविधियों के कारण भी कोरोना संक्रमण जिले में तेजी से फैल रहा था।”