कोरबा में जारी है रेत का अवैध उत्खनन, विभाग को लग रहा चूना

कोरबा के नदी- नालों से अवैध रेत उत्खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है। बिना अनुमति गौण खनिज का उत्खनन व परिवहन कर शासन- प्रशासन को राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। दूसरी लॉक डाउन ओर आवश्यकता के बावजूद उपलब्धता कम होने से विभिन्ना निर्माण कार्यों के लिए लोग भी परेशान होने विवश है, जिसका अनुचित लाभ उठाते हुए अधिक मूल्य पर रेत खपाया जा रहा है।

खनिज विभाग की उदासीनता आम लोगों की मुश्किलें बढ़ाने के साथ विभिन्ना निर्माण कार्यों की गति को भी अवरुद्ध बना रही है। क्षेत्र के लोग लगातार रेत की उचित दर निर्धारित करने की मांग कर रहे पर इस दिशा में प्रशासन की ओर से अब तक कोई ऐसा निर्णय नहीं लिया गया है, जिससे उनकी परेशानियों का हल हो सके। एक ओर जहां देश में कोरोना वायरस को लेकर भय का माहौल बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर अवैध रेत उत्खनन करने वाले कारोबारियों के भय मुक्त हो गए हैं। नजदीक में रेत की अधिकृत आपूर्ति की सुविधा नहीं होने का अनुचित लाभ उठाया जा रहा है। दूर के अधिकृत रेतघाट से मंगाने पर कहीं ज्यादा कीमत देनी होती है, जिससे बचने लोग थोडा अधिक दाम देकर इन अवैध घाटों से उत्खनन-परिवहन कर रहे अनाधिकृत आपूर्तिकर्ताओं से रेत खरीद लेते हैं।

इससे शासन-प्रशासन को राजस्व नुकसान के साथ ही घाटों को भी क्षति पहुंच रही है। अनियंत्रित दोहन किए जाने से संबंधित नदी-नालों की दशा खराब हो रही है और प्रकृति को भी नुकसान पहुंच रहा है। नियमों की अनदेखी किए जाने से लगातार अनाधिकृत स्थलों से उत्खनन कर जहां-तहां गड्ढे भी बन रहे, जिनमें बारिश का मौसम आने पर पानी भरने पर दुर्घटना की संभावना भी बन सकती है, जो आने-जाने वालों और वन्य प्राणियों के लिए भी आफत बन सकते हैं।