कोरबा : वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकी राम कंवर की अनुपस्थिति बनी चर्चा का विषय, अपमान से आहत दिखे पूर्व गृहमंत्री

कोरबा। मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक और मुख्यमंत्री सहित पूरे मंत्रिमंडल के कोरबा आगमन के दौरान भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर की अनुपस्थिति ने बड़ा प्रश्न खड़ा कर दिया है। कोरबा की राजनीति और आदिवासी समाज में गहरी पकड़ रखने वाले कंवर जी जैसे नेता का कार्यक्रम में न पहुंचना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

ननकी राम कंवर ने स्पष्ट कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम के लिए न तो कलेक्टर कोरबा अजीत बसंत द्वारा कोई सम्मानजनक निमंत्रण कार्ड भेजा गया और न ही कोई आधिकारिक सूचना दी गई। उन्होंने कहा, “बिना सूचना किसी शासकीय कार्यक्रम में जाना उचित नहीं था, इसलिए मैं नहीं गया।”

पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार में भी जब ननकी राम कंवर को एक कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं फोन कर उनसे आग्रह किया और कार्यक्रम की शुरुआत तभी की गई जब वे पहुंचे। यह घटनाक्रम बताता है कि उनकी वरिष्ठता और योगदान को हमेशा सम्मान मिला है।

लेकिन इस बार न केवल प्रशासन बल्कि जिला भाजपा संगठन द्वारा भी ननकी राम कंवर की अनदेखी की गई। यह स्थिति पार्टी कार्यकर्ताओं और आदिवासी समाज में गहरी निराशा और आक्रोश का कारण बनी हुई है।

कोरबा जैसे आदिवासी बहुल जिले में, जहां ननकी राम कंवर को आदिवासी राजनीति का “आवाज और सम्मान का प्रतीक” माना जाता है, उनकी अनदेखी भाजपा सरकार और प्रशासन के रवैये पर सवाल खड़े कर रही है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि “ननकी राम कंवर जैसे बड़े और वरिष्ठ नेता को नजरअंदाज करना केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे आदिवासी समाज के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने जैसा है।”