कोरोना की दवा के नाम पर चूने की गोली खिलाई:फेविमैक्स-200 दवा की जांच रिपोर्ट में खुलासा- दवा में फेविमैक्स का जीरो कंटेंट मिला, यही दवा दूसरी लहर में जमकर बिकी

कोरोना की दूसरी लहर में दी गई फेविमैक्स-200 की दवा में कोई कंटेंट ही नहीं था। बल्कि यह चूने की गोली से ज्यादा कुछ नहीं निकली। दरअसल, रेमडेसिविर इंजेक्शन के अलावा जिस फेबिपिरावीर (फेविमैक्स) दवा को बेहद इफेक्टिव मानी गई, छत्तीसगढ़ की कुछ दुकानों में इसी नाम की घटिया क्वालिटी की दवा सप्लाई किए जाने का खुलासा हुआ है।

यह गुजरात में जब्त फेविमैक्स-200 दवा की जांच के बाद हुआ, क्योंकि वहीं से इसे छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों में सप्लाई किया गया था। जब दूसरी लहर ढलान पर थी, ठीक उसी समय यानी जुलाई में गुजरात की सूचना पर छत्तीसगढ़ के ड्रग कंट्रोलर ने दुर्ग में फरीदनगर के एक मेडिकल स्टोर में छापा मारकर फेविमैक्स दवा जब्त की और राज्य की प्रयोगशाला में इसकी जांच करवाई।

 

करीब 5 महीने बाद पिछले हफ्ते जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला यह तथ्य सामने आया कि जब्त दवा में फेविमैक्स-200 का कोई कंटेंट ही नहीं था। बल्कि यह चूने की गोली से ज्यादा कुछ नहीं निकली। इसके बाद छत्तीसगढ़ का ड्रग विभाग उस मेडिकल रिप्रजेंटेटिव तक पहुंचा, जिसने दवा सप्लाई की थी। उससे पता चला कि यह दवा हिमाचल प्रदेश के भद्दी की कंपनी मैक्स रिलीफ हेल्थ केयर से बनकर आई। दैनिक भास्कर ने इन जानकारियों के आधार पर गुजरात और हिमाचल के ड्रग विभाग के अफसरों से पूछताछ की तो सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ कि मैक्स रिलीफ हेल्थकेयर नाम की कंपनी कागज पर ही थी, भद्दी में ऐसी किसी कंपनी का दफ्तर या फैक्ट्री नहीं है।