एसईसीएल सहित कोल इंडिया के 2.50 लाख कोयला कर्मचारियों के वेतन समझौते के लिए कवायद चल रही है। पिछली तीन बैठकों का कोई खास नतीजा तो नहीं आया, लेकिन 11 वें कोल वेज एग्रीमेंट के लिए जेबीसीसीआई की चौथी बैठक 22 अप्रैल को है।
जिसमें वेतन समझौता की दिशा में कोई ठोस प्रस्ताव पर निर्णय लिया जा सकता है। मीटिंग में मिनिमम गारंटी बेनिफिट (एमजीबी) का प्रस्ताव प्रबंधन रखेगी इसकी पूरी उम्मीद है। इसलिए काेयला कर्मचारियाें के बीच उत्सुकता है। कोल इंडिया के श्रमिकों के लिए अब तक 10 वेतन समझाैते हाे चुके हैं, जो प्रत्येक 5 वर्ष में होता है।
वर्तमान में 10 वें वेतन समझाैता के तहत श्रमिकाें काे वेतन व सुविधाएं मिल रही है, जबकि 11 वां वेतनमान जुलाई 2021 से लंबित है, लेकिन पिछले 5 बार के वेतन समझौता का आंकलन करें तो किसी एक समझौते में अधिकतम 25 प्रतिशत तक मिनिमम गारंटी बेनिफिट का लाभ मिला है, जिसे 9 वें वेज एग्रीमेंट में तय किया गया था। वहीं पिछले वेज एग्रीमेंट में यानी दसवें वेतन समझाैते में श्रमिकाें काे 20 प्रतिशत एमजीबी का लाभ दिया गया था, लेकिन इस बार चारों ट्रेड यूनियनों ने 50 प्रतिशत एमजीबी के साथ अन्य भत्ते व सुविधाओं की मांग शामिल की है। अब कोयला कर्मचारियों को इस बात का इंतजार है कि जेबीसीसीआई की चौथी बैठक में प्रबंधन इस पर क्या प्रस्ताव देता है।
डिमांड में पहली बार नए भत्ताें की भी मांग शामिल
संयुक्त ट्रेड यूनियन एटक, सीटू, एचएमएस व बीएमएस ने संयुक्त रुप से चार्टर ऑफ डिमांड तैयार किया था, जिसमें पहली बार कर्मचारियाें के लिए बाइक के लिए 10 प्रतिशत और कार के लिए 20 प्रतिशत कन्वेस एलांउस की मांग की गई है। इसी तरह नए भत्ताें में रेडिएशन एलाउंस, सिलाई भत्ता, डस्ट भत्ता की मांग भी शामिल है। सीपीआरएमएस में 4.84 प्रतिशत प्रबंधन की भागीदारी, इसके अलावा पैरामेडिकल एलाउंस, नर्सिग, स्पेशल एरिया एलाउंस बढ़ाने की मांग भी रखी गई है
