रायपुर।पिछले चार दिन से चल रहे मंत्री टीएस सिंहदेव और विधायक बृहस्पति सिंह विवाद का आज पटाक्षेप हो गया। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बृहस्पति के सिंहदेव पर लगाए गए आरोपों को असत्य करार दिया, बृहस्पति ने सदन में इसके लिए खेद जताया। दोनों पक्षों ने विधानसभा में गतिरोध दूर होने पर बड़ी मासूमियत से सदन का आभार जताया। लेकिन, सवाल उठता है क्या वाकई मामले का पटाक्षेप हो गया है। तो सियासत को समझने वालों का जवाब होगा…कतई नहीं। दोनों पक्षों ने तलवारें मौके की नजाकत को देखते जरूर कुछ समय के लिए पीठ पीछे छिपा ली है, मगर म्यान में नहीं डाला है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से जिस तरह ढाई-ढाई साल की बातें की जा रही थी, उसको देखते ये कहने में कोई हिचक नहीं कि छत्तीसगढ़ की सियासत में ये तो होना ही था। ये जरूर हुआ कि बृहस्पति सिंह के चलते जरा जल्दी हो गया, वरना कुछ दिन बाद होता। बृहस्पति ने अपने फॉलो गाड़ी में तोड़-फोड़ मामले में टीएस सिंहदेव पर संगीन आरोप लगाकर इस तलवारबाजी के लिए जमीन तैयार कर दी। बृहस्पति ने अपना काम बड़ी शिद्दत के साथ की। इसकी प्रतिक्रियाएं इतनी तेजी से हुई कि राजनीतिक प्रेक्षक भी भौंचक रह गए। लोग जितना समझने की कोशिश कर रहे थे, दोनों पक्ष उससे आगे निकल जा रहे थे। सदन से बाहर जाकर सबसे बड़ा बम फोड़ा टीएस सिंहदेव ने। इससे विधानसभा ही नहीं, पूरा छत्तीसगढ़ हिल गया। इसकी गूंज दिल्ली तक भी पहुंची।












