Knn24.com/बालको प्रबंधन से प्रशासन और शासन दोनों ही नहीं डरती । अन्य औद्योगिक क्षेत्रों जैसे जिंदल रायगढ़ अपने क्षेत्र में जो विकास कार्य करता है और ऐसे ही संपूर्ण भारत में जहां औद्योगिक क्षेत्र हैं । वहां उद्योग के संस्थापक ही विकास कार्यों को अंजाम देते हैं एवं स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान भी करते हैं। लेकिन बालको के मामले में ऐसा कुछ भी नही है। बालको द्वारा ना ही निर्माण कार्य करया जाता हैं और ना ही मरम्मत, परंतु कोरबा में उल्टा है यहां बालको प्रबंधन शासन एवं प्रशासन के विकास कार्यों को अपना तो बताता ही है साथ ही साथ उनके द्वारा बनाए गए संसाधनों का उपयोग कर उसका सत्यानाश भी कर देता है जैसे कि सड़क। बार-बार कार्यवाही की मांग करने के पश्चात भी बालको प्रबंधन के ऊपर ना तो कोई कार्यवाही होती है ना ही उनके द्वारा इस तरह के कृत्य को बंद किया जाता है। और ना ही सड़कों की मरम्मत करवाई जाती है। राखड़ की समस्या तो ऐसी है जिसका कोई जवाब ही नहीं हल्की हवा चलने पर पूरा शहर राख से ढक गया ।