रायपुर। देशभर में खाद की कालाबाजारी, जमाखोरी और गलत जगह सप्लाई के खिलाफ सरकार द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। केंद्रीय सरकार ने हाल ही में लोकसभा में आंकड़े पेश किए हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ खाद की कालाबाजारी के मामलों में देश में पांचवें नंबर पर है।
केंद्रीय आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल से 28 नवंबर 2025 के बीच छत्तीसगढ़ में कुल 294 खाद विक्रेताओं को नोटिस जारी किए गए। इसके अलावा, 13 विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द किए गए और 4 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में भी खाद की उपलब्धता, वितरण व्यवस्था और कालाबाजारी को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाए थे। विपक्ष का आरोप है कि किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही है और कुछ जगहों पर अवैध तरीके से जमाखोरी की जा रही है।
अन्य राज्यों की स्थिति:
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उत्तर प्रदेश खाद कालाबाजारी, जमाखोरी और गलत सप्लाई के मामलों में सबसे आगे है। यूपी में 1,043 नोटिस जारी किए गए, 2,742 लाइसेंस रद्द या सस्पेंड किए गए और 165 एफआईआर दर्ज की गई।
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राजस्थान में 103 एफआईआर दर्ज की गईं और मध्य प्रदेश में 91 एफआईआर हुईं।
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कालाबाजारी में कुल एक्शन के आधार पर राज्यों की रैंकिंग इस प्रकार है: यूपी (1), राजस्थान (2), मध्य प्रदेश (3), कर्नाटक (4), छत्तीसगढ़ (5)।
विशेष नोट:
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जमाखोरी में सबसे ज्यादा नोटिस कर्नाटक में जारी हुए।
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लाइसेंस रद्द करने में सबसे ज्यादा कार्रवाई यूपी में हुई।
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घटिया गुणवत्ता वाले खाद मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे है।
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गलत सप्लाई या विपथन में नोटिस ओडिशा, लाइसेंस कार्रवाई मध्य प्रदेश और एफआईआर राजस्थान में सबसे ज्यादा दर्ज हुए।
केंद्र सरकार की यह कार्रवाई किसानों तक खाद की सही आपूर्ति और अवैध गतिविधियों को रोकने के उद्देश्य से की जा रही है। राज्य सरकारों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे समय पर निगरानी रखें और कालाबाजारी में शामिल तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं।












