झीरम घाटी हमले की जांच के लिए छत्तीसगढ़ सरकार नया न्यायिक जांच आयोग बना सकती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा, आयोग ने समय बढ़ाने का आग्रह किया था। रिपोर्ट अधूरी हो सकती है। इस पर विचार कर जल्दी ही फैसला लिया जाएगा।

दुर्ग रवाना होने से पहले रायपुर हवाई अड्‌डे पर प्रेस से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, आयोग का कार्यकाल पूरा हो चुका था। उन्होंने बताया था कि रिपोर्ट अभी अधूरी है। ऐसे में उस पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, बहुत जल्दी ही इसका फैसला हो जाएगा। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा न्यायिक जांच आयोग ने 6 नवंबर को अपनी रिपोर्ट राज्यपाल अनुसूईया उइके को सौंपी है। सामान्य परंपरा से उलट राज्य सरकार की जगह राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपे जाने पर सरकार और कांग्रेस में नाराजगी बढ़ी हुई है।

पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था, आयोग ने सितंबर में जांच को अधूरा बताते हुए कार्यकाल बढ़ाने का आग्रह किया था। उसी बीच न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा का तबादला आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद पर हाे गया। सरकार अभी विधि विभाग से इस पर अभिमत ले रही थी, न्यायाधीश के ट्रांसफर के बाद अधूरी जांच को पूरा करने का क्या विकल्प है। इस पर फैसला होने से पहले ही पता चला कि आयोग की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी गई। माना जा रहा है, आयोग की रिपोर्ट देखने के बाद सरकार अपना फैसला करेगी। फिलहाल यह रिपोर्ट अभी भी राजभवन में ही है।

कांग्रेस ने की थी नए आयोग की मांग
कांग्रेस की ओर से झीरम घाटी कांड की जांच के लिए नए आयोग की मांग उठी थी। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने सबसे पहले इसकी मांग उठाई। बाद में प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और दूसरे नेताओं ने यह बात उठाई। कहा गया, कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार से मांग करती है कि एक वृहत न्यायिक जांच आयोग का गठन कर झीरम षड्यंत्र की नए सिरे से जांच करवाई जाए। कांग्रेस नेताओं ने कहा, प्रदेश की जनता इस मामले के षड्यंत्रकारियों को बेनकाब होते देखना चाहती है।