डाेज से ज्यादा टाेकन बांटे, टीके कम पड़े तो 3 घंटे से लाइन में लगीं महिलाएं भड़कीं, अपर आयुक्त को घेरा

knn24news/ टीकाकरण सेंटराें में नए नियमाें के चक्कर में उलझे कर्मियों ने सुबह लाइन में लगे सभी वर्ग के लाेगाें काे टाेकन बांट दिया। बाद में अफसरों के काेटा सिस्टम से टीका लगाने की सूचना पर उपलब्ध डाेज से ज्यादा लाेगाें काे लाैटने काे कहा गया। इससे कई सेंटराें में लाेगाें ने हंगामा मचाया।

15 ब्लाॅक सेंटर में वापस लाैटाने पर एपीएल वर्ग के लाेगाें ने दाेपहर 12 बजे नगर निगम के अपर आयुक्त अशाेक शर्मा काे घेर लिया। इनमें ज्यादातर महिलाएं थी। उन्हाेंने टीकाकरण की व्यवस्था काे लेकर नाराजगी जताई। लोगों ने कहा 3 घंटे से धूप में खड़े थे, इसके बाद कहते हो एपीएल वाले लाैट जाएं, यह गलत है। बार-बार एपीएल वालों को लौटना पड़ता है, इसलिए आज टाेकन ले चुके लाेगाें काे टीका लगाया जाएं। पीछे खड़ी भीड़ हंगामा कर रही थी। अपर आयुक्त शर्मा ने स्थिति देख स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से बात कर अतिरिक्त डाेज भेजने और टाेकन ले चुके लाेगाें काे टीके लगाने का निर्देश दिए। इसके बाद लाेग माने। सेंटर में शाम तक ढाई साै से अधिक टीका लगाया गया। दर्री जाेन के एनटीपीसी केंद्रीय विद्यालय में बने सेंटर में भी ऐसा ही हाल रहा। यहां टाेकन बांटने के बाद एपीएल वर्ग का डाेज खत्म हाेने की जानकारी दी गई। लाेगाें ने हंगामा किया ताे सेंटर के कर्मचारियाें ने उच्च अधिकारियाें से ऐसा निर्देश मिलने का हवाला दिया।

स्वास्थ्य विभाग और नगरीय निकाय के अफसरों के बीच तालमेल नहीं

जिले में पहले टीकाकरण का सिस्टम ठीक था, लेकिन 18+ का टीकाकरण शुरू हाेते ही अव्यवस्था नजर आने लगी। शहरी क्षेत्राें में स्वास्थ्य विभाग और नगरीय निकाय की टीम काे टीकाकरण की संयुक्त जिम्मेदारी है, लेकिन इन विभाग के अधिकारियाें-कर्मचारियाें के बीच ही तालमेल नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियाें का अलग फरमान रहता है ताे नगरीय निकाय के अधिकारियाें का अलग। इस कारण सेंटराें में पदस्थ कर्मचारी उलझे रहते हैं। जिले में टीकाकरण की व्यवस्था काे संभाल रहे जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. कुमार पुष्पेश न सही गाइडलाइन बताते हैं और न ही उनका माेबाइल उठता है।

सीजीटीका फेल, ऑनलाइन की बजाय ऑफलाइन लगे टीके

टीकाकरण के लिए राज्य सरकार के सीजीटीका पाेर्टल से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के आधार पर टीकाकरण की याेजना बनाई है। जिले के अधिकारियाें काे निर्देश दिया था कि ऑफलाइन टीकाकरण न करें, लेकिन जिले में टीकाकरण की व्यवस्था संभाल रहे स्वास्थ्य विभाग और नगरीय निकाय के अधिकारियाें की लापरवाही के कारण सीजीटीका सिस्टम पहले दिन ही फेल रहा। टीकाकरण सेंटर में कर्मचारियाें ने लाइन में लगे लाेगाें काे टाेकन बांट दिया। पहले से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा चुके लाेग आवंटित सेंटराें में पहुंचे ताे उन्हें टाेकन सिस्टम से टीका लगने की बात कहकर बैरंग लाैटा दिया।

गाइडलाइन का पालन नहीं, सेंटराें में चल रही मनमर्जी, हर जगह एप्रोच

काेविशील्ड के सेकंड डाेज के लिए सरकार ने 12-16 सप्ताह बढ़ा दिया है। इसके तहत पहला डाेज लगवा चुके लाेगाें काे 14 मई से 84 दिन बाद सेकंड डाेज लगेगा, लेकिन सेंटराें में इस गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है, बल्कि मनमर्जी करते हुए पहचान वालाें काे या ऊपर से अधिकारियाें और नेताओं से फोन करवाकर आने वाले लाेगाें काे 42 दिन बाद ही सेकंड डाेज लगा दिया जा रहा है। कटघाेरा में फिरत यादव नामक व्यक्ति काे 44वें दिन में टीका लग गया। वहीं अन्य लाेग जाे 42 दिन बाद पहुंचे थे, उन्हें 84 दिन बाद आने की बात कहकर लाैटा दिया गया।

सूचना देने वाला काेई नहीं लाेग हाे रहे गुमराह-परेशान

ग्रामीण क्षेत्राें में टीकाकरण काे लेकर अफवाह के कारण कम लाेगाें के टीके लगवाने से प्रशासन परेशान है। दूसरी ओर शहरी क्षेत्राें समेत ब्लाॅक मुख्यालय में लाेगाें में टीका लगवाने उत्साह है, लेकिन टीकाकरण के लिए सेंटर बनाने और टीके की उपलब्धता समेत नए नियमाें की जानकारी लाेगाें तक नहीं पहुंचती है। इससे लाेग परेशान हाेते हैं। नियमत: स्वास्थ्य विभाग या नगरीय निकाय काे इस संंबंध में सूचना प्रचारित करना चाहिए। लेकिन टीकाकरण के संबंध में सूचना देने काेई इंतजाम नहीं है।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बंद हाेने से हुई परेशानी

ननि अपर आयुक्त अशाेक शर्मा ने कहा सीजीटीका पाेर्टल में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बंद हाेने से परेशानी हुई। इसलिए सेंटराें के बाहर लाइन में लगे लाेगाें काे टाेकन बांटकर ऑफलाइन टीकाकरण किया। 15 ब्लाॅक सेंटर में एपीएल वर्ग के 40 लाेगाें काे टीके के लिए डाेज आवंटित था। लाइन में लगे उस वर्ग के 15 अतिरिक्त लाेगाें काे भी टाेकन दिया था। उन्हें वापस भेजने पर उन्हाेंने टाेकन के आधार पर टीके लगाने की मांग की।