
आगरा. ताजमहल के तेजो महालय होने और बंद कमरों में मूर्तियां होने संबंधी तमाम चर्चाओं, दावों और अदालत में डाली गई अर्जियों के बीच भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने एक RTI के जवाब में कहा कि ताजमहल मंदिर की जगह नहीं बना है, न ही वहां के किसी कमरे में देवी-देवताओं की मूर्ति है.
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रवक्ता साकेत एस गोखले ने इसपर एक RTI दायर कर जवाब मांगा था. टीएमसी नेता ने एएसआई से दो सवाल पूछे थे, पहले सवाल में उन्होंने ताजमहल के किसी हिंदू मंदिर की जमीन पर बने होने का सबूत मांगा था. उनका दूसरा सवाल था कि क्या ताजमहल के मुख्य गुंबद के नीचे बने तहखाने के 20 कमरों में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां हैं? जिसके बाद ASI ने इसका जवाब दिया है. एएसआई के केंद्रीय जनसंपर्क अधिकारी महेश मीणा ने पहले सवाल के जवाब में सिर्फ ‘नो’ लिखा, जबकि दूसरे के जवाब में लिखा है, “तहखानों में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति नहीं है.”
Archeological Survey of India tells me today that
(A) No temple existed on the spot where Taj Mahal is
(B) Taj Mahal does NOT have “locked chambers containing idols”.
Hope the courts impose costs on all mischievous petitions by BJP/RSS & media focuses on actual issues. pic.twitter.com/pDv4UUQ68J
— Saket Gokhale MP (@SaketGokhale) July 1, 2022
बता दें कि इससे पहले ताजमहल के तहखाने में बंद 22 कमरों पर काफी घमासान मचा था. जिसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इन कमरों की तस्वीरें जारी की थीं. आगरा ASI प्रमुख आर के पटेल ने बताया था कि ये तस्वीरें जनवरी 2022 के न्यूजलेटर के रूप में ASI की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, कोई भी उनकी वेबसाइट पर जाकर इन तस्वीरों को देख सकता है. आर के पटेल ने कहा था कि कमरों के अंदर किए गए मरम्मत कार्य की तस्वीरें जारी की गई हैं.
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने डॉ. रजनीश कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें ताजमहल के 22 कमरों को खोलने की मांग की गई थी. इसके बाद ASI की ओर से तस्वीरें शेयर की गई थीं, जिनमें बताया गया था कि इन बंद कमरों में प्लास्टर और रेनोवेशन का काम कराया गया था. इस काम में करीब 6 लाख रुपए का खर्च आया था.