
जिले के 1399 सरकारी स्कूलों में 10 अक्टूबर तक त्रैमासिक परीक्षा कराने के निर्देश डीईओ ने सभी प्राचार्य को दिए हैं। शनिवार को अर्जुन्दा सहित कई स्कूलों में प्राथमिक व माध्यमिक शाला के छात्र-छात्राओं की परीक्षा समाप्त हुई। अब सोमवार से शिक्षक स्कूल में कॉपियों यानी उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करेंगे। जिसके बाद नंबर देकर बच्चों को लौटाया जाएगा, ताकि घर पर पालक भी अपने स्तर पर मूल्यांकन कर सकें।
दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने स्कूल स्तर पर मूल्यांकन के बाद प्रश्नोत्तर कॉपी विद्यार्थियों को अनिवार्यतः लौटाने निर्देश दिए गए हैं ताकि विद्यार्थी व पालक स्वयं अपने स्तर से मूल्यांकन कर भविष्य में विषय अनुसार अतिरिक्त तैयारी कर सकें। डीईओ प्रवास बघेल ने बताया कि पुराने पैटर्न पर त्रैमासिक परीक्षा कराने के निर्देश प्राचार्यों को दिए थे।
अधिकतर स्कूलों में दशहरा पर्व की छुट्टी के पहले परीक्षा हो गई थी। जिन स्कूलों में बचे हैं, वहां 10 अक्टूबर तक परीक्षा संपन्न कराने निर्देश दिए हैं। इस बार ब्लैक बोर्ड पर सवाल लिखे गए। जिसका उत्तर छात्र-छात्राओं ने काॅपी में लिखा।
पर्चा लीक, नए पैटर्न पर नहीं हुई परीक्षा
26 सितंबर को प्रस्तावित 12वीं की एक विषय का प्रश्न पत्र शनिवार की रात सोशल मीडिया में अपलोड होने के बाद वायरल हो गया था। जिसकी जानकारी मिलने के बाद शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने नए पैटर्न पर आयोजित परीक्षा रद्द करने की घोषणा की थी। जिसके बाद निर्णय लिया गया था कि स्कूलों में तिमाही परीक्षा पहले की तरह पुराने पैटर्न से होगी यानी स्कूल स्तर पर ही पर्चा तैयार कर शिक्षक खुद मूल्यांकन करेंगे।
प्रश्न पत्रों का नहीं किया गया उपयोग
नए पैटर्न पर त्रैमासिक परीक्षा के लिए राज्य स्तर से स्कूलों में प्रश्न पत्र जारी हो गया था लेकिन एक पर्चा लीक होने की वजह से राज्य स्तर से पूर्व में जारी व शाला स्तर पर प्राप्त प्रश्न-पत्रों का उपयोग नहीं किया गया। प्राचार्य शाला स्तर पर प्रश्न पत्र सेट कराएं। शाला स्तर पर ही परीक्षार्थियों की कॉपी जांच कर मूल्यांकन कार्य पूरा करें। डीईओ को निर्देश दिए है कि परीक्षा के लिए हाई व हायर सेकेण्डरी स्कूलों के प्राचार्यों को जानकारी देकर कार्यवाही कर प्रतिवेदन रिपोर्ट के माध्यम से जानकारी दें।












