नशे की लत ऐसी को बांधना पड़ता है बेडियो से, मानसिक अस्पताल में उपचार के बाद भी नहीं आया सुधार

कोरबा। नशा एक ऐसी सामाजिक बुराई है जिसकी चपेट में आना वाला व्यक्ति इसके दुश्प्रभावों को नहीं जान पाता और धीरे-धीरे बर्बादीनुमा कीचड़ में समाने लगता है। ऐसा ही कुछ संजय नगर निवासी शांतिलाल बरेठ के साथ भी हुआ है जो नशे का इस कदर आदी हो चुका है,कि उसे नशे का सामान नहीं मिलता तो पागलों जैसी हरकत करने लगता है। यही वजह है,कि परिवार वालों ने उसे लोहें जंजीरों में कैद कर रखा है।

लोहे के जंजीरों में कैद इस व्यक्ति का नाम शांतिलाल बरेठ है जो संजय नगर का निवासी है। शांतिलाल नशे में इस कदर जकड़ा हुआ है,कि वह बाहर नहीं निकल पा रहा। लाख कोशिशों के बाद भी वह नशे के चंगुल से आजाद नहीं हो पा रहा है। अगर एक दिन उसे नशा नहीं मिलता तो पागलों जैसी हरकत करने लगता है और घर के सदस्यों के साथ मारपीट करता है। आम तौर पर लोग किसी एक नशे के गिरफ्त में रहते हैं लेकिन शांतिलाल शराब,गांजा,भांग सहित अन्य कई तरह के नशों का आदी हो चुका है जिसके कारण वह अपना मानसिक संतुल खो बैठा है। और यही वजह है,कि पूरा परिवार काफी परेशान है। शांतिलाल के तीन बच्चे हैं जिनकी परवरिश पिता की बुरी आदतों के कारण बेहतर ढंग से नहीं हो पा रही है। बूढ़ा बाप भी पुत्र को यूं देखकर काफी परेशान है। कुछ दिनों तक सेंदरी के मानसिक अस्पताल में उसका उपचार चला जहां से स्वस्थ्य होकर वापस लौटने के बाद वह फिर से नशे की तरफ चला गया और आज उसकी ये दशा में हो गई है।

नशा ने हमेशा ही परिवारों को तोड़ने का काम किया है। नशे की बुरी लत के करण हंसता-खेलता परिवार पल भर में बर्बाद हो जाता है। ऐसा ही कुछ शांतिलाल के साथ भी हुआ है,जो अपनी चेतना खो बैठा है। बहरहाल पिता उसे फिर से सेंदरी अस्पताल भेजने की तैयारी में है ताकी शांतिलाल और उसके परिवार की खुशियां फिर से लौट सके।