नहीं सुधर रही ट्रेनों की चाल, दो से छह घंटे विलंब से पहुंचीं ट्रेनें

ट्रेनें निर्धारित समय पर नहीं चल रही हैं। प्रतिदिन की तरह मंगलवार को भी सभी दिशाओं की ट्रेनें दो से छह घंटे विलंब से पहुंचीं। इसके चलते ट्रेन में सफर कर रहे और जिन्हें यात्रा करनी थी वे यात्री परेशान रहे। यात्रियों में रेलवे की व्यवस्था को लेकर बेहद नाराजगी है। उनका कहना है कि रेलवे कोयला परिवहन के मालगाड़ी चलाने को प्राथमिकता दे रही है। कोचिंग ट्रेनों को पूरी तरह दरकिनारकर दिया गया है।

ट्रेनों की लेटलतीफी करीब ढाई महीने से जारी है। पहले माललदान का लक्ष्य हासिल करने के लिए रेलवे ने ट्रेनों को रद किया। इसके बाद ट्रेनें चलीं तो कोयल परिवहन को विशेष तवज्जों दी। वर्तमान में रेलवे की परिचालन व्यवस्था को लेकर यात्रियों में भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि रेलवे का पूरा फोकस माललदान को लेकर है। यात्रियों की परेशानियों से उन्हें कोई लेना देना नहीं है। यही वजह है कि वर्तमान में ट्रेनों का परिचालन समय सुधरने के बजाय और बिगड़ती चली जा रही है। मंगलवार को भी स्थिति कुछ इसी तरह रही। सुबह नौ बजे पहुंचने वाली हावड़ा- पुणे आजाद हिंद एक्सप्रेस डेढ़ घंटे विलंब यानी सुबह 10:30 बजे बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंची।