कोरबा, 02 सितम्बर। बालको प्रबंधन द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों के आवासों की बिजली, पानी और सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाएं बंद किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए प्रदेश के पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, श्रम सचिव अलरमेल मंगई डी., कलेक्टर कोरबा और बालको सीईओ को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है।

अग्रवाल ने पत्र में कहा है कि जिन्होंने वर्षों तक अपने खून-पसीने से संयंत्र की नींव मजबूत की और कंपनी को ऊंचाइयों तक पहुंचाया, उन्हीं श्रमवीरों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। पूर्व कर्मचारियों का आरोप है कि प्रबंधन न सिर्फ बिजली और पानी की आपूर्ति बंद कर रहा है बल्कि पड़ोसियों को भी धमकाया जा रहा है कि यदि उन्होंने मदद की तो उनकी सुविधाएं भी रोक दी जाएंगी। बरसात के इस मौसम में शौचालयों की स्थिति बिगड़ने से उन्हें खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि कई अधिकारी और कर्मचारी जिन्होंने वर्षों पहले बालको आवास में मकान आवंटित कराया था, वे स्थानांतरण के बाद भी आज तक आवास खाली नहीं किए। ऐसे में प्रबंधन द्वारा केवल पूर्व कर्मचारियों पर सख्ती करना अनुचित है।

जयसिंह अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 की समाप्ति तक पूर्व कर्मचारियों को मानवीय आधार पर सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ कंपनी आवास में रहने दिया जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि जिन कर्मचारियों की बकाया राशि रोक रखी गई है, उसका भुगतान तुरंत किया जाए ताकि वे आवास खाली कर सकें।

उन्होंने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री इस विषय की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को तत्काल निर्देश जारी करेंगे।