कोरबा..शहर के सीतामणी रेत खदान मे दिखावे के लिए ठेकेदार को खनिज विभाग ने खदान क्षेत्र में रेत संग्रहण को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है।लेकिन हैरत की बात यह है कि उसके रेत निकालने पर रोक नहीं लगाया गया है।जिले मे नये कलेक्टर के आने के बाद से शहर वाशीयो को इस रेत की काला बजारी को लेकर बहुत उम्मीदें है ..अब देखना है की मिडिया के माध्यम या अन्य माध्यमों से कलेक्टर के संज्ञान मे ये मामला कबतक आता है और इस पर रोक कैसे लगता है खनिज विभाग व ठेकेदारों की मिली भगत से शहर को महगें रेत से कैसे निजात मिलता हैंखदान ठेकेदार धड़ल्ले से रेत का ऊंची दर पर विक्रय कर रहा है 3500से 4000मे शहर मे बेचे जा रहे है और जिला प्रशासन मौन मुद्रा में है। लोगों ने रेत घाट से रेत निकासी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।जानकारी के अनुसार रेत ठेकेदार को रेत संग्रहण की पूर्व में अनुमति दी गयी थी। ठेकेदार ने खदान की भूमि पर ही नदी के भीतर रेत संग्रहित कर लिया है और ऊंचे दाम पर रेत बेचने के साथ खदान से भी रेत की अवैध निकासी करा रहा है। इस मामले के सामने आने के बाद खनिज विभाग ने खदान ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। लेकिन खदान क्षेत्र से यानि नदी के भीतर से उसे रेत निकालने की 15 दिनों के लिए छूट भी दे दी है।खनिज विभाग की इस कार्रवाई को लेकर शहर में भारी जनचर्चा है। लोगों का कहना है कि सीतामणी खदान ठेकेदार को 15 दिन तक नदी से रेत निकालने की छूट दी गयी है तो अन्य खदान ठेकेदारों को भी छूट दी जानी चाहिये। उनके खदान को बंद करना अनुचित है।इस चर्चित मामले का हैरत अंगेज पहलू यह है, कि खदान ठेकेदार को जिस खसरा नंबर की जमीन से रेत निकालने का ठेका दिया गया है, उसी भूमि पर उसे रेत संग्रहण की अनुमति दे दी गयी है। एक तरह से ठेकेदार को खनिज विभाग ने एन. जी. टी. के निर्देशों की अवहेलना करते हुए अवैध रेत निकासी का लायसेंस दे दिया है। अब देखना है जिले के नये कलेक्टर महोदया के संज्ञान मे ये मामला आने के बाद खनिज विभाग के लोगो पर ???होता है ..शहर की उम्मीद है जिला प्रशासन से