फर्जी NGO घोटाला: मंत्री-आईएएस समेत 14 लोगों पर शिकंजा, CBI ने जब्त की फाइलें

रायपुर। समाज कल्याण विभाग से जुड़ा फर्जी NGO घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में है। CBI ने इस मामले में स्टेट रिसोर्स सेंटर (SRC) और फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर (PRRC) की फाइल जब्त कर ली है। जांच में सामने आया है कि 16 नवंबर 2004 को एक मंत्री और 7 IAS अफसरों समेत कुल 14 लोगों ने इस NGO को सरकारी विभाग जैसा ढांचा देकर खड़ा किया था।

चौंकाने वाली बात यह है कि इस NGO की न मान्यता थी, न दफ्तर और न ही कर्मचारी, सब कुछ सिर्फ कागजों पर संचालित किया गया। दिव्यांगों को सुविधाएं देने के नाम पर बने इस NGO सिंडिकेट ने 15 सालों में सैकड़ों करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किया।

सूत्रों के मुताबिक, रायपुर और बिलासपुर में कागजों पर कर्मचारियों की नियुक्ति दिखाई गई। उनकी सैलरी 27 से 30 हजार तय की गई और हर महीने डबल-ट्रिपल पेमेंट निकालकर करोड़ों रुपए की हेराफेरी की गई।

इस पूरे करप्शन का खुलासा रायपुर के कुंदन ठाकुर ने किया, जो खुद कागजों पर कर्मचारी बताए गए थे। CBI अब इसमें शामिल अफसरों और नेताओं से पूछताछ की तैयारी कर रही है।