फोरलेन के किनारे बनने लगे काॅम्प्लेक्स,:स्कूल की जमीन को भी नहीं छोड़ा, नोटिस देकर निगम भूला

नगर निगम के अफसरों की कमजोरी से फोरलेन सड़क किनारे की बेशकीमती जमीन भी अतिक्रमण से नहीं बच पा रही है। मानस नगर में तो लोगों ने सरकारी जमीन पर कॉम्प्लेक्स तैयार कर लिया है। कई कॉम्प्लेक्स अभी भी बन रहे हैं।

निगम की पानी टंकी के आसपास स्कूल भवन के लिए प्रस्तावित जमीन पर 50 से अधिक झुग्गियां बन गई, लेकिन निगम 1 साल पहले नोटिस देने के बाद अतिक्रमण ही नहीं हटाया।सीएसईबी चौक से ध्यानचंद चौक तक सीएसआर मद से फोरलेन सड़क का निर्माण कराया गया है।

इसके बाद लोगों ने सीएसबी चौक से ढेगुरनाला पुल के बीच मानस नगर के किनारे लोगों ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया। निगम की पानी टंकी के पास अतिक्रमण को तो निगम ने हटाया। इसके बाद फिर से अतिक्रमण हो गया। अब तक 3 से अधिक कॉम्प्लेक्स अभी बन चुका है।

अभी भी लोग कॉम्प्लेक्स का निर्माण करा रहे हैं। इस मार्ग से निगम के अधिकारियों की आवा जाही होती है। इसके बाद भी इनकी नजर नहीं पड़ती। एक साल पहले तत्कालीन तोडू दस्ता प्रभारी श्रीधर बनाफर ने 22 लोगों को नोटिस देने के बाद कही थी, लेकिन हटाने की कार्रवाई नहीं की गई। इसकी वजह से 50 से अधिक और मकान बन गए हैं। यही हाल रहा तो सरकारी योजनाओं के लिए जमीन नहीं बचेगी।

शहर के इन वार्डों में भी अतिक्रमण, निगम में दर्जनों शिकायतें, कार्रवाई शून्य

पड़ोसी वार्ड ढोढ़ीपारा के लोगों ने भी बना लिया है मकान

मानस नगर पानी टंकी के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि यह वार्ड 17 नंबर है, लेकिन इस के बाजू में पढ़ने वाले वार्ड क्रमांक 15 ढोढ़ीपारा के लोगों ने कब्जा कर लिया है। विरोध करने पर गाली-गलौज करते हैं। इसकी शिकायत निगम में कई बार कर चुके हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती।

सीएसईबी की भूमि बताकर टाले, फिर दूसरे स्थानों पर कार्रवाई

निगम के अधिकारी कई स्थानों पर अतिक्रमण को यह कह कर नहीं हटाते की यह सीएसबी या एसईसीएल की जमीन है। दूसरी ओर कई स्थानों पर पुराने मकानों को भी तोड़ दिया गया। इसी वजह से भेदभाव का आरोप भी लगा था। निगम आयुक्त प्रभाकर पांडेय ने तोडू दस्ता में से से कई अधिकारी कर्मचारियों को हटाकर नए लोगों को जिम्मेदारी दी है।

जमीन पर कब्जा कर खरीदी बिक्री का भी चल रहा खेल

सड़क किनारे सरकारी जमीन पर कब्जा करने और मकान बनाकर खरीदी बिक्री करने का भी खेल चल रहा है। इसमें कई प्रभावशाली लोग भी शामिल हैं। इसकी वजह से ही अतिक्रमण हटाने कार्रवाई नहीं हो रही है। 2 साल में सबसे अधिक अतिक्रमण हुआ। इसके पीछे भी निगम के कुछ अफसरों की मौन स्वीकृति भी रही है।

अफसरों को कराया अवगत: पार्षद

निगम के वार्ड क्रमांक 17 की पार्षद और एमआईसी मेंबर सुनीता राठौर का कहना है कि बस्ती के लोगों ने स्कूल के लिए प्रस्तावित जमीन पर अतिक्रमण करने की शिकायत की थी। इसके बाद कार्रवाई के लिए अफसरों को अवगत कराया गया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

अतिक्रमण पर करेंगे कार्रवाई

नगर निगम कोसाबाड़ी जोन के जोन कमिश्नर आरके माहेश्वरी का कहना है कि कॉम्प्लेक्स बनाने की जानकारी नहीं है। इसकी जानकारी लेकर अतिक्रमण हटाने की शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।