क्वार्टर खाली कराने के नाम पर धमकी और उत्पीड़न के आरोप
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि वेदांता प्रबंधन के अधिकारी कैप्टन धनंजय मिश्रा और उनकी टीम बालकोनगर में घर–घर जाकर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को धमका रहे हैं। कहा गया कि कई जगहों पर बिजली, पानी और शौचालय की पाइपलाइन को नुकसान पहुँचाने की शिकायतें भी दर्ज की गई हैं।
एक सेवानिवृत्त कर्मचारी ने भावुक होकर कहा,
“हमने दशकों तक इस कंपनी को अपनी जिंदगी दी। आज हमारे अंतिम भुगतान की राशि रोकर हमें घर से बाहर किया जा रहा है। यह अन्याय है।”
श्रमिक संगठन और प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इस गंभीर मुद्दे पर न तो श्रमिक संगठन खुलकर सामने आ रहे हैं और न ही प्रशासनिक अमला। कई बार कलेक्टर के माध्यम से पुलिस प्रशासन, श्रम विभाग, श्रम सचिव और उद्योग एवं श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन तक ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
संघर्ष समिति का आरोप है कि श्रम मंत्री “कॉर्पोरेट मित्र” वेदांता के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रहे, जिससे कर्मचारियों में गहरी नाराजगी है।
व्यापारियों और स्थानीय समुदाय में भी बढ़ता आक्रोश
बालकोनगर में छोटे व्यापारी भी आंदोलन का हिस्सा बनते जा रहे हैं। उनका कहना है कि यदि सेवानिवृत्त कर्मचारी बेघर होते हैं, तो इसका सीधा असर उनके व्यापार पर पड़ेगा।
स्थानीय दुकानदार रामलाल ने कहा,
“बालको सिर्फ एक उद्योग नहीं, बल्कि हमारी आजीविका की रीढ़ है। यहां के लोगों के साथ अन्याय होगा तो पूरा शहर प्रभावित होगा।”
27 नवंबर को अनिल अग्रवाल का पुतला दहन
बालको बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति ने घोषणा की है कि यदि प्रबंधन ने अपनी दमनात्मक कार्रवाई नहीं रोकी तो 27 नवंबर को, जो कि बालको का स्थापना दिवस है, वेदांता अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का पुतला दहन किया जाएगा।