knn24mews/ बालको प्रबंधन एक ओर हॉस्पिटल की वाहवाही एवं सुविधाओं की गुणगान करते फिर रहा है।
साथ ही स्थानीय व्यापारियों, स्थानीय लोगों एवं स्वयं के कर्मचारियों की इलाज हेतु उच्च मेडिकल सुविधा होने की बात करता है।
वही एक ओर उसका स्वयं का ठेका मजदूर कर्मचारी अपने पिताजी को कोरोना के इलाज हेतु जिला चिकित्सालय में भारती करना पड़ता है तथा वहां से उसे ना जाने उसको बिना बताए ना जाने कौन से क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेज दिया जाता है।
उसके पश्चात वह व्यक्ति पूरे दिन अपने पिताजी को इस क्वॉरेंटाइन सेंटर से उस क्वॉरेंटाइन सेंटर को खोजता रहा अपनी गुहार लेकर थाने तक गया फिर भी उसके पिताजी की जानकारी नहीं मिलने के बाद।
उसने मुझसे संपर्क किया और अपनी आपबीती सुनाई।
तथा मैंने प्रशासन द्वारा सारी नंबरों पर फोन कॉल के माध्यम से हर तरह का प्रयास किया तब कहीं जाकर कलेक्टर ऑफिस के माध्यम से उसके पिताजी की जानकारी मिली और फिर उस जानकारी को मैंने उस व्यक्ति तक पहुंचाया तब जाकर उस व्यक्ति को अपने पिताजी की जानकारी प्राप्त हुई।
बालको प्रबंधन मुझे यह बताएं की अगर प्रबंधन अपने भी कर्मचारियों के परिजनों के उपचार में जागरूक एवं पूर्ण रूप से तैयार नहीं है तो फिर वह स्थानीय लोगों के उपचार में कैसे मदद करेगा और इस तरह से प्रबंधन यह कहता है कि वह इस महामारी में सरकार की एवं प्रशासन के साथ पूर्ण रूप से मदद करने हेतु खड़ा है।
जबकि उनके खुद के कर्मचारी इस तरह से उपचार के अभाव में भटक रहे हैं। बालको प्रबंधन से निवेदन है कि वह खोखले वादे एवं सो बाजी करने से बाज आए और काम करके दिखाएं।
तब कहीं जाकर समझ में आएगा कि बालको प्रबंधन इस महामारी के दौर में अपने स्थानीय लोगों के हित में एवं स्वयं के कर्मचारियों के हित कार्य करेंगे एवं शासन प्रशासन को मदद डर रही है बालको प्रबंधन अन्य उद्योगों की तरह एक हेल्पलाइन नंबर जारी करें जोकि तरह से प्रभावित लोगों की मदद कर सके अगर प्रबंधन ऐसा नहीं कर सकती तो स्थानीय एन.जी.ओ के माध्यम से यह काम करवाया परंतु करें जरूर।













