कोरबा. वेदांता प्रबंधन के बालको संयंत्र से सेवानिवृत्त हुए सैकड़ों कर्मचारियों और उनके परिवारों का भविष्य अनिश्चितता में है। आवास खाली कराने के लिए की जा रही बलपूर्वक कार्रवाई के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोध और तालाबंदी की चेतावनी के बाद भले ही प्रबंधन झुक गया और 31 अक्टूबर तक राहत मिल गई हो, लेकिन लिखित समझौते के अभाव में प्रभावित परिवारों की चिंता और गहरी हो गई है।

तालाबंदी की चेतावनी के बाद झुका प्रबंधन

बालको प्रबंधन ने नए एडमिन हेड कैप्टन धनंजय मिश्रा के नेतृत्व में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दशकों से मिले आवासों से निकालने की कार्रवाई शुरू की थी। इस दौरान कई घरों के बिजली, पानी और सीवरेज कनेक्शन तक काट दिए गए, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश फैल गया।

28 अगस्त को पूर्व नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल और भाजपा बालको नगर मंडल अध्यक्ष डीलेंद्र यादव ने प्रबंधन से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी। जब कार्रवाई नहीं रुकी तो भाजपा ने 4 सितंबर को टाउनशिप कार्यालय में तालाबंदी आंदोलन की घोषणा कर दी।

इस चेतावनी के बाद प्रबंधन ने बैठक बुलाकर भाजपा पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा की। गहन विचार-विमर्श के बाद कैप्टन धनंजय मिश्रा ने मौखिक रूप से सहमति दी कि 31 अक्टूबर तक न तो किसी सेवानिवृत्त कर्मचारी को घर से निकाला जाएगा और न ही उनकी मूलभूत सुविधाएं बाधित की जाएंगी।

मौखिक आश्वासन, लिखित समझौता नहीं

बैठक में मौखिक आश्वासन तो मिल गया, लेकिन लिखित समझौते से प्रबंधन ने साफ इनकार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, प्रबंधन ने यह भी कहा कि मोहलत केवल भाजपा मंडल के सम्मान में दी गई है और 31 अक्टूबर के बाद आवास खाली करना ही होगा।