भारत जोड़ो यात्रा में यात्रियों के लिए सख्त नियम:सुबह 4 बजे उठना, नहाने के लिए सिर्फ 5 मिनट; 6 बजे तक तैयार होना

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 8वें दिन केरल के कोल्लम पहुंच गई। ये जगह कन्याकुमारी से करीब 136 किमी दूर है। यात्रा के साथ लगभग दो हजार लोग चल रहे हैं। इनमें 119 भारत यात्री, 200 से ज्यादा अतिथि यात्री, 400 से ज्यादा प्रदेश यात्री और एक हजार से ज्यादा वॉलंटियर हैं।

भारत यात्रियों का दिन सुबह 4 बजे से शुरू होता है। 6 बजे सभी को झंडा वंदन में शामिल होना जरूरी है। 7 बजे से यात्रा शुरू हो जाती है। यात्रियों के लिए नाश्ता और खाना बनाने का काम 6 टीमों के जिम्मे है। दो फूड वैन यात्रा के साथ चलती हैं। खाने के लिए किसी स्कूल, कॉलेज, आश्रम या कन्वेंशन सेंटर में रुका जाता है।

दोपहर का खाना रास्ते में, रात का कैंप में
कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज पवन खेड़ा ने बताया कि एक जगह खाना हो जाने के बाद यात्रा के साथ चल रहीं फूड वैन अगले पॉइंट के लिए निकल जाती हैं। दोपहर का खाना रास्ते में और रात का कैंप में होता है।

रात में सभी के लिए खाना नहीं बनता। सिर्फ राहुल गांधी, उनकी सिक्योरिटी में तैनात जवान और 200 से 250 लोगों के लिए ही इंतजाम रहता है। यात्रा में अलग-अलग राज्यों के लोग चल रहे हैं। इसलिए कोई मेन्यू नहीं है। बस ध्यान रखा जाता है कि प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट खाने में जरूर शामिल हो।

फूड मैनेजमेंट में 6 टीमें लगीं
तिरुवनंतपुरम के अटिगल में खाने का मैनेजमेंट देख रहे आशीष किनारेवाड़ा ने बताया कि एक टीम कुछ दूरी पर खाना बनाती है। एक पिकअप वैन में उसे यात्रा के रुकने वाली जगह पर पहुंचाया जाता है। दूसरी टीम वहां खाना खिलाने की तैयारी करती है।

एक दिन काम करने वाली टीम अगले दो दिन आराम करती है। अगले दिन के खाने का इंतजाम दूसरी टीम के जिम्मे आ जाता है। ऐसी 6 टीमें हैं। हर टीम में 30 से 35 लोग हैं। इसी तरह उनका क्रम बदलता रहता है। यही 6 टीमें श्रीनगर तक खाने का काम देखेंगी।

फूड मैनेजमेंट में 100 से ज्यादा लोग जुड़े
आशीष ने बताया कि खाने में क्या बनेगा, हमें पहले ही बता दिया जाता है। केरल में कुल 14 जिले हैं। हर जिले में 3 से 4 लोगों की एक कमेटी इसका काम देखती है। कमेटी मेन्यू बनाते समय यह ध्यान रखती है कि नॉर्थ और साउथ इंडिया के लोगों के टेस्ट का ध्यान रखा जाए।

एक जगह पर फूड मैनेजमेंट में 100 से ज्यादा लोग जुड़े हैं। एक दिन में तकरीबन 2000 लोग खाना खाते हैं। सुरक्षा कारणों से राहुल गांधी और दूसरे बड़े नेताओं के लिए अलग से खाना बनता है। राहुल के अलावा सभी नेता आम यात्रियों के साथ खाना खाते हैं।

नहाने के लिए सिर्फ 5 मिनट
राहुल के अलावा करीब 146 लोग कंटेनरों में रुकते हैं। उनके लिए 16 मूविंग वॉशरूम हैं। ज्यादातर लोग 4 से 5 बजे के बीच उठते हैं। 6 बजे सभी को झंडा वंदन के लिए पहुंचना होता है। तब तक सभी को तैयार होना पड़ता है। इस हिसाब से एक आदमी को नहाने के लिए लगभग 5 मिनट ही मिलते हैं।

झंडा वंदन में शामिल होना सभी भारत यात्रियों के लिए जरूरी है। लेट होने पर एंट्री नहीं दी जाती। 7 बजे से यात्रा शुरू होती है। इसके लिए 6:30 बजे तक कंटेनर छोड़ देना होता है। यात्रियों के निकलने के बाद कंटेनर लॉक करके अगली लोकेशन पर भेज दिए जाते हैं।

रहने के लिए उम्र के हिसाब से मिले कंटेनर
बिहार से आए श्रीहरि ने बताया कि रहने के लिए बने 60 कंटेनरों को चार तरह से बांटा गया है। शुरू के चार कंटेनर राहुल गांधी और उनके सपोर्ट स्टाफ के लिए है। वहां तक चुनिंदा लोग ही जा सकते हैं। हर कंटनेर में बेड, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, विंडो AC और लाइट लगी हैं। बेड के नीचे सामान रखने के लिए 3 x 3 की कैबिनेट बनी है।

40 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए चार बेड वाले कंटेनर हैं। महिलाओं के लिए भी चार बेड वाले कंटेनर हैं। कुछ में अटैच वॉशरूम भी हैं। 6 बेड वाले कंटेनर में 30 से 40 साल के लोगों को रखा गया है। 12 बेड वाले कंटेनर में 30 से कम उम्र के लोग हैं। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से आए शाहनवाज आलम ने बताया कि कंटेनर में ऐसा अरेंजमेंट है कि सभी यात्री अलग-अलग राज्यों के हों।