। 120 वर्ष से आयोजित हो रही दादर खुर्द की जगन्नाथ रथ यात्रा इस बार भक्तों के बिना ही संपन्न होगी। आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर राम मंदिर तक निकाली जाएगी। कोरोना की काली छाया के कारण भीड़ भाड़ की अनुमति नहीं मिल सकी है, इसलिए इस पर्व को औपचारिक रूप से मनाया जाएगा।नगर पालिक निगम क्षेत्र में शामिल दादर खुर्द के जगन्नाथ मंदिर से निकाली जाने वाली रथ यात्रा का इतिहास 120 वर्ष का होने जा रहा है यह धार्मिक आयोजन उस समय से यहां पर हो रहा है जब कोरबा का स्वरूप ग्राम पंचायत का हुआ करता था लोग बताते हैं कि उस समय दादर खुर्द सहित आसपास की कई पंचायतों के लोगों की भागीदारी इस धार्मिक उत्सव में सक्रिय रूप से होती थी कोरबा के विकास के बावजूद इस परंपरा में कोई खास अंतर नहीं आया बल्कि शहरी इलाके के लोग भी बीते वर्षो में इस यात्रा का हिस्सा बनते रहे हैं वर्ष 2020 में कोरोना की वजह से रथ यात्रा मैं बहुत ज्यादा काम धाम नहीं किए गए थे लगभग यही स्थिति इस बार भी बनी हुई है आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को रथ यात्रा बनाने का विधान है इसके लिए यहां तैयारी की जा रही है मंदिर के पुजारी ने बताया कि महामारी को देखते हुए अब की बार यह पर्व औपचारिक होकर रह जाएगा।परंपरा के अंतर्गत आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा नगर भ्रमण पर निकलते हैं । 9 दिन बाद उनकी वापसी अपने मूल मंदिर के लिए होती है। इस दौरान भी धूम धाम का वातावरण होता है । जिस तरह से फिलहाल संकट बना हुआ है, उससे तय है कि पूरा कार्यक्रम लक्ष्मण रेखा के दायरे में सिमट कर रह जाएगा। अगले काफी वर्षों तक लोगों को वर्ष 2020 और 2021 की रथ यात्रा इस मायने में भली-भांति याद रहेगी।










