कुसमुंडा (कोरबा)।कुसमुंडा में रोजगार एकता संघ के बेनर तले 33 दिन से जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन जारी है।
कुसमुंडा में 1 दिसंबर को 9 घंटे खदान को पूर्ण बंद करने के बाद 16 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था जिन्हें दूसरे दिन प्रशासन ने रिहा किया। एसईसीएल के किसान विरोधी और आंदोलन को पुलिसिया दमन का सहारा लेकर दबाने के खिलाफ में कुसमुंडा के कबीर चौक पे एसईसीएल के सीएमडी ए पी पंडा का भू विस्थापित किसानों ने पुतला फूंका।
रोजगार एकता संघ और छत्तीसगढ़ किसान सभा ने घोषणा की है कि जमीन के बदले रोजगार मिलने तक भूविस्थापितों का आंदोलन जारी रहेगा।
33 दिन से चल रहे धरना स्थल से कुछ ही दूर कबीर चौक पर सीएमडी का पुतला दहन के बाद प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए किसान सभा के नेता दीपक साहू ने एसईसीएल के दमनात्मक रवैये की तीखी निंदा की और कहा कि रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे किसानों की आवाज़ को दमन से दबाया नहीं जा सकता। सीएमडी के इशारे पर कुसमुंडा जीएम संजय मिश्रा ने एक माह से शांतिपूर्ण तरीके से जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन को पुलिस के सहारे दबाने की कोशिश की लेकिन जेल जाने वाले और प्रदर्शन कर रहे लोगों पे इसका कोई असर नहीं हुआ है
रोजगार एकता संघ के सचिव दामोदर ने कहा कि किसानों की स्थायी आजीविका जमीन का अधिग्रहण किया गया है, तो प्रबंधन को नियमित रोजगार देना ही होगा। गिरफ्तारियों से एसईसीएल का किसान विरोधी चेहरा उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि आंदोलन का गांव गांव में और विस्तार किया जाएगा और आने वाले समय मे आंदोलन को तेज किया जायेगा।
रोजगार नहीं मिलने पर विस्थापित किसान अपनी जमीन पर कब्जा कर पुनः खेती करेंगे।
आज के धरना और पुतला दहन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अनिल,हेम,दीपक,अजय,अश्वनी,बजरंग सोनी,रघुनंदन, कृष्णा, रामप्रसाद, रविशंकर, हरि कैवर्त,चन्द्रशेखर के साथ बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
