*भ्र्ष्ट राजस्व विभाग के विरोध में आज दिनाँक ग्राम दादरखुर्द के ग्रामीण आमरण अनशन पर बैठे*

ग्राम दादरखुर्द कोरबा में जमीनों की बहुत अफरा-तफरी मची हुई है। उनकी सुनवाई करने वाला भी कोई नहीं। अनशन पर बैठे ग्रामीणों की ग्राम दादरखुर्द तेंदू टिकरा में खसरा क्रमांक-1415 रकबा 50 डिसमिल भूमि नक़्शे में 9 डिसमिल बतला रही है। बाकी 41 डिसमिल भूमि नक्शे से कहाँ गायब हो गई इसका जवाब कोई राजस्व अधिकारी नहीं देना चाहता। ना ही उनको उनकी भूमि बतलाई जा रही है। उनकी भूमि के पीछे सरकारी भूमि पर कोदवारी टिकरा दादरखुर्द की भूमि खसरा क्रमांक 500 को लाकर कुछ घपलेबाजों के द्वारा तेंदू टिकरा में फिट कर दिया गया। इसका भी राजस्व रिकार्ड मौजूद है कि किस तरह से ये घपला हुआ जमीन चलती भी है जमीन के पैर भी होते हैं इस दस्तावेज से साफ जाहिर होता है। फिर भी प्रशासन उन घपलेबाजों के साथ साँठ-गाँठ कर इन ग्रामीणों के मामले को खारिज कर देते हैं इससे इन घपलेबाजों के हौसले इतने बुलंद हो गये हैं कि वे इन ग्रामीणों की भूमि पर ही अवैध कब्जा करने के लिये इनके साथ मारपीट करते हैं।

 

राजस्व विभाग के भ्र्ष्टाचार की पराकाष्ठा इतनी अधिक बढ़ गई है कि खुद ही इन ग्रामीणों की भूमि खसरा क्रमांक 1415 के नक्शे में त्रुटि होने का जाँच प्रतिवेदन देते हैं और जब इनके द्वारा सुधारने के लिये व अन्य मामला लगाया जाता है तो विरोधी पक्ष से साँठ-गाँठ कर कुछ भी ऊल-जुलूल कारण बतलाते हुये मामला खारिज कर देते हैं।

 

ये बेचारे गरीब ग्रामीण पिछले 25 सालों से कानूनी लगाई लड़ रहे हैं, परन्तु इनकी गरीबी ही इनको न्याय प्राप्ति के लिये बाधक बनी हुई है ये कानूनी लड़ाई लड़ते-लड़ते थक गये हैं इसलिए इनके द्वारा अनिश्चित कालीन आमरण अनशन किया जा रहा है।