जी हां हम बात कर रहे हैं बालकों के कोविड-19 अस्पताल की , जहां एक बार फिर मानवता को शर्मसार किया गया, भद्रापारा निवासी दरबार खान जिनकी उम्र 55 वर्ष थी 2 दिन पूर्व कोरोना पॉजिटिव हुए , 2 दिनों से घर में आइसोलेट थे लेकिन कल अचानक उनका ऑक्सीजन लेवल 44 पहुंच गया तब कुछ समाज सेवकों ने उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया, जब बालकों के अस्पतालों में बातचीत की गई तो पहले कहा गया की बेड नहीं है, फिर किसी तरह ले देकर तैयार होते हैं और हॉस्पिटल ले जाया जाता है जहां उनका इलाज शुरू होता है लेकिन उसके पूर्व रोजाना ₹10000 की मांग की जाती है साथ ही एडमिट करने के पूर्व ₹10000 जमा करने को कहा जाता है लेकिन गरीबों की सुनता कौन साहब, इसका खामियाजा कोई दरबार खान के परिवार वालों से पूछे, जब ₹10000 जमा नहीं कर पाया गया तो दरबार खान नामक व्यक्ति को हॉस्पिटल से बाहर कर दिया गया साथ ही एंबुलेंस की व्यवस्था भी नहीं दी गई है, अपने पेशेंट को किसी दूसरे अस्पताल ले जा सके,लेकिन रात्रि 1:30 बजे किसी तरह से एक ऑटो की व्यवस्था कर उसे अन्य अस्पताल ले जाया गया जहां उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। वेदांता ग्रुप के मालिक श्री अनिल अग्रवाल द्वारा कोरोना काल में केंद्र सरकार को बहुत मदद की गई, लेकिन सच्चाई जानना है तो बालकों आइए साहब, यहां दूध का दूध और पानी का पानी सब हो जाएगा,बालकों की जनता सांस ले तो कैसे लें चारों तरफ राखड़ का बवंडर है तो वही दूसरी तरफ विशैली गैसों का रिसाव भी इन हवाओं में होता है, साहब इतना ही नहीं अब तो आम जनता भी त्रस्त हो चुकी है, लेकिन प्रबंधन के अकड़ू रवैया की वजह से कोई नहीं सुनता, मैं वेदांता ग्रुप के प्रशासनिक अधिकारियों से यह पूछना चाहता हूं कि क्या महज ₹10000 के लिए किसी की जिंदगी ले लेना आसान है, क्या गरीब होना पाप है, या गरीबों को जीने का हक नहीं है यह सवाल जरूर उठता है आप पर, जरा सोचिए इनकी जगह आप यहां खड़े हो तब क्या होगा, ऐसी स्थिति भी बनती है इन लोगों के पास खाने के लिए पैसा नहीं होते जनाब, लॉक डाउन चल रहा है इस लाख डाउन में लोग अपने आप को जिंदा कैसे रखें यह बहुत बड़ा प्रश्न है, आखिर कब तक ऐसा ही चलता रहेगा जवाब प्रबंधन को देना चाहिए, सिर्फ लोगों को दिखावा करने से कुछ नहीं होगा चार प्रशासनिक अधिकारी क्या जेब में रख लिए तो पूरा कोरबा जिला इनका हो गया ? आखिर कब तक मासूमों की जान जाती रहेगी, यह प्रश्न कल भी था और आज भी है ?










