ये तो गजब है सरकार: घरों तक शराब पहुंचाने डिलीवरी ब्वाॅय, लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर उठाने कर्मी नहीं

knn24news/ राज्य सरकार ने शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी है। इसे लेकर लोगों में आक्रोश है। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर ज्यादा है कि एक ओर वैक्सीनेशन और टेस्टिंग सेंटर में व्यवस्था बनाने पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं। वहीं बुधवार रात बालाजी काेविड हाॅस्पिटल में यह वाकया सामने आया कि वहां करीब 200 ऑक्सीजन के सिलेंडर खाली पड़े थे।

उनकी रिफिलिंग के लिए इंडस्ट्रीयल एरिया से 2 ऑक्सीजन फैक्ट्री के 4 वाहन भी आ गए, लेकिन वहां कर्मचारी मौजूद नहीं होने से ऑक्सीजन सिलेंडर लोड नहीं किए जा सके। गुरुवार सुबह एक समाज सेवी संस्था की मदद से खाली पड़े ऑक्सीजन सिलेंडर काे रिफिलिंग के लिए फैक्ट्री भेजा। दरअसल काेविड अस्पतालाें में नियमित कर्मियों के अलावा अतिरिक्त जरूरत काे देखते हुए संविदा और ठेके पर भी कर्मी बुलाए जा रहे हैं, लेकिन कुछ दिन आने के बाद अनियमित कर्मी काेविड का खतरा देख काम छाेड़कर जा रहे हैं।

बालाजी काेविड हॉस्पिटल में भी ऐसा ही हुआ। यहां एक-एक कर कई कर्मियों ने काम छाेड़ दिया। इससे माैजूदा कर्मियाें पर लाेड बढ़ गया। वहां उपयाेग के बाद बेसमेंट पर खाली ऑक्सीजन सिलेंडर काे रखा जाने लगा। धीरे-धीरे करते बुधवार की रात तक करीब 200 सिलेंडर जमा हाे गए।

ऑक्सीजन फैक्ट्रियाें पर दबाव खाली सिलेंडर भेजने में देरी

शहर के इंडस्ट्रीयल एरिया के 3 फैक्ट्री से ऑक्सीजन की सप्लाई सिलेंडर से हाे रही है। ऑक्सीजन की कमी न हाे और उद्याेगाें में अनावश्यक सप्लाई न हाे इसके लिए एसडीएम सुनील नायक काे निगरानी की जिम्मेदारी दी है। प्रतिदिन जिले में काेविड मरीजाें के लिए करीब 15 साै सिलेंडर की मांग है। उत्पादन क्षमता लगभग दाेगुनी हाेने से अभी शार्टेज नहीं है, लेकिन ऑक्सीजन फैक्ट्रियाें पर लगातार ऑक्सीजन बनाने और रिफिलिंग कर भेजने का दबाव है।

टीम एक्टिव ने किया खुलासा फिर भेजा ऑक्सीजन सिलेंडर

टीम एक्टिव के अमित नवरंग लाल काेविड मरीजाें की सेवा में लगे हैं। वे रात 2 बजे बालाजी काेविड अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हाेंने दाे ऑक्सीजन फैक्ट्रियाें के 4 वाहन खड़े देखा। वाहन चालकाें ने बताया अस्पताल में काेई कर्मी लाेड करने वाला नहीं है। तब अमित ने देखा ताे बेसमेंट में 200 सिलेंडर खाली पड़े थे। प्रशासन काे जानकारी हुई ताे समाज सेवी संस्था की मदद से वाहनाें में लाेडिंग करवाकर खाली ऑक्सीजन सिलेंडर काे फैक्ट्रियाें में भेजा।

वैक्सीनेशन और टेस्टिंग सेंटर में साेशल डिस्टेसिंग फेल

जिले में रोज करीब साढ़े तीन हजार टेस्टिंग हो रही है। वहीं वैक्सीनेशन का पहला चरण सुचारू रूप से हुआ। 18 वर्ष से ऊपर की आयु के लोगों को वैक्सीन लगाने की घोषणा के साथ ही व्यवस्था चरमरा गई है। कहा जा रहा है कि वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति ही नहीं है। नतीजा यह हो रहा है कि कई वैक्सीनेशन सेंटर बंद हैं। वहीं जाे खुले हैं, उन सेंटराें पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है और वहां सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं हो रहा है।

अलग गाेदाम बना रहे, जल्द दिक्कत दूर होगी: एसडीएम

कोरबा एसडीएम सुनील नायक ने कहा कि दरअसल बालाजी काेविड हाॅस्पिटल में नीचे बेसमेंट में ऑक्सीजन रखने की जगह है। यहां से बाहर लाने रात में दिक्कत होती है। यह बात हमारे संज्ञान में आई है। हम वहीं परिसर में सिलेंडर रखने अलग गाेदाम बनवा रहे हैं। कर्मियों की भी पर्याप्त व्यवस्था समय पर हो, यह ध्यान रखेंगे। अभी रोज लगभग 1500 सिलेंडर की जरूरत पड़ रही है। इसकी पूरी व्यवस्था है। ऑक्सीजन सिलेंडर का बैकअप भी रखा है।