knn24news/ अगर कोई छोटा व्यापारी किसी कारणवश 5 से 10 मिनट के लिए दुकान खोल कर कोई सामान निकालता है तो तत्काल उसके ऊपर कार्यवाही हो जाती है। कि आपने दुकान खोल कर नियमों का उल्लंघन किया। अगर कोई मजदूर या कोई ऐसा व्यक्ति जिसकी कमर इस लॉकडाउन की वजह से टूट चुकी हो वह अपने खाने पीने की व्यवस्था देखने के लिए अगर घरों से बाहर निकलता है।
तो स्वयं कलेक्टर महोदय ऐसे लोगों के ऊपर कार्यवाही करने हेतु सड़कों पर निकल पड़ी है।
आज से करीब दो-तीन दिन पहले कलेक्टर महोदया का बालको दौरा भी था फिर भी उन्हें अपने खुद के दिए गए आदेशानुसार नियमों का उल्लंघन बालको प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है शायद यह उन्हें दिखाई नहीं पड़ा या उस समय बालको प्रबंधन ने राखड़ का ट्रांसपोर्टेशन बंद करके रखा हो। पर बालको दौरे पर कलेक्टर महोदया ने बहुत से आम लोगों पर जुर्माना लगाया ।ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सारे नियम एवं कानून व्यापारियों आम जनता एवं गरीब वर्ग के लोगों के लिए ही हैं इस तरह के उद्योगपतियों हेतु ना कोई नियम है ना कोई कानून।
और अगर है तो फिर वह क्यों इस तरह धड़ल्ले से नियमों को ताक पर रखकर इस lock-down को अवसर स्वरूप अति आवश्यक कार्यों के आड़ में अपने सभी कार्यों को अंजाम दिए जा रहा है।
आदरणीय कलेक्टर महोदय इस तरह से नियमों का उल्लंघन करने वाले पर भी जुर्माना लगाया जाए एवं कोरोना के निरंतर बढ़ते हुए प्रभाव को रोकने हेतु बालको प्रबंधन के ऐसे सारे कार्यों को बंद करवाया जाए जो अति आवश्यक कार्य की श्रेणी में नहीं आते।
जैसे
1) राखड़ों का ट्रांसपोर्टेशन
2) कोयला ट्रांसपोर्टेशन आवश्यकता से अधिक
2) बाउंड्रीवाल मॉडिफिकेशन कार्य
3) आवश्यकता से अधिक श्रमिकों को संयंत्र में कार्य करने हेतु बुलाने को कम करवाया जाए ताकि संक्रमण का खतरा कम हो।
4) तथा संयंत्र के अंदर में किए जा रहे ऐसे कार्य जिसकी आवश्यकता संयंत्र को निरंतर चालू रखने हेतु नहीं है उन सभी को भी बंद किया जाए।
ताकि श्रमिकों की आवागमन सड़कों पर कम हो सके।













