शब्दों की सूची के बाद अब सरकार का नया फरमान, संसद भवन परिसर में नहीं कर सकते धरना-प्रदर्शन या अनशन

नई दिल्ली. गुरुवार को लोकसभा सचिवालय ने ‘असंसदीय शब्द 2021’ शीर्षक के तहत एक लिस्ट जारी की थी. जिसके बाद राज्यसभा सचिवालय ने एक बुलेटिन जारी किया है. इसमें कहा गया है कि संसद भवन परिसर का इस्तेमाल धरना, प्रदर्शन, हड़ताल, अनशन या धार्मिक समारोहों के लिये नहीं किया जा सकता. विपक्षी दलों के द्वारा इस कदम की आलोचना के बाद अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि सत्र के पहले इस तरह का बुलेटिन जारी होना ‘नियमित’ प्रक्रिया का हिस्सा है. वहीं लोकसभा सचिवालय ने भी स्‍पष्‍टीकरण जारी करते हुए कहा है कि ये महज एक प्रक्रिया है और हर सत्र से पहले इसे जारी किया जाता है.

विपक्ष ने इस बुलेटिन को ‘तुगलकी फरमान’ बताया है. कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों ने इस बुलेटिन का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ‘असंसदीय’ शब्दों की नई सूची से संसदीय विमर्श पर बुलडोजर चलाने के बाद अब नया ‘तुगलकी फरमान’ लेकर आई है.

मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव राज्यसभा और में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने हुए ट्वीट किया किया कि ‘विषगुरू का नया प्रहार…धरना मना है.’ उन्होंने इसके साथ 14 जुलाई का बुलेटिन भी शेयर किया. इसके अलावा CPM नेता सीताराम येचुरी ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर सरकार की आलोचना की और कहा कि यह लोकतंत्र की आवाज दबाने की कोशिश है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘जितनी निकम्मी सरकार, उतनी ही डरपोक. लोकतंत्र का मखौल उड़ाया जा रहा है, इस तरह के तानाशाही आदेश निकाल कर. सांसद भवन परिसर में Protest करना सांसदों का एक राजनीतिक अधिकार है जिसका हनन हो रहा है’.

बता दें कि लोकसभा सचिवालय ने ‘असंसदीय शब्द 2021’ शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों की नई सूची जारी की, जिसमें जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, तानाशाह, भ्रष्ट, ड्रामा, अक्षम, पिट्ठू जैसे शब्द शामिल हैं.