शहादत का यह कैसा सम्मान?:राष्ट्रपति से मेडल लेकर लौटे शहीद के माता-पिता,अफसर रिसीव करने नहीं पहुंचे; BJP नेता ने कार से भेजा घर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर के जंगलों में प्रदेश के लोगों के लिए लड़ते हुए CRPF जवान पूर्णानंद साहू शहीद हो गए थे। दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्णानंद की मां उर्मिला को बेटे की वीरता के लिए शौर्य चक्र देकर सम्मानित किया। गुरुवार को जब शहीद की मां एयरपोर्ट पर पहुंची तो न कोई प्रशासनिक अफसर हाल-चाल लेने आया, न ही CRPF के अफसर।

एयरपोर्ट से लौटने के लिए शहीद के परिवार के पास गाड़ी तक नहीं थी। भूतपूर्व सैनिक संगठन के पदाधिकारियों ने इसका विरोध किया। जिला प्रशासन और CRPF के कुछ अफसरों को इसकी जानकारी दी गई मगर कोई नहीं आया। इसके बाद भाजपा नेता गौरी शंकर श्रीवास ने अपनी कार से शहीद के परिजनों को उनके गांव राजनांदगांव के जिले जंगलपुर के लिए रवाना किया।

भूतपूर्व सैनिक संगठन से बृजमोहन ने बताया कि शौर्य चक्र हासिल करना कोई मामूली बात नहीं है। हम सेना से रिटायर्ड हैं, इसका महत्व समझते हैं इसलिए हम शहीद की मां का स्वागत करने यहां पहुंचे। CRPF के अफसरों या प्रशासनिक अफसरों को भी आना चाहिए था। एक शहीद के परिवार का हौसला बढ़ाने के लिए हम इतना तो कर रही सकते हैं, आखिर उसने छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए अपनी जान दे दी।

भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि राष्ट्रपति से मेडल लेकर लौटने वाली शहीद की मां के साथ सम्मान जनक व्यवहार नहीं हो सका। दुर्भाग्य की बात है ये। जिला प्रशासन के अधिकारी CRPF के अफसर अपने ही शहीद के परिवार के साथ ऐसा करेंगे नहीं सोचा था। परिवार के पास वापस लौटने का कोई साधन नहीं था, मैंने अपनी गाड़ी से उन्हें भेजा।