सड़क निर्माण कछुआ चाल:दर्री डैम पुल पर बना रहे सड़क, मिट्टी डाल रास्ता रोका, 800 मीटर की बजाय 16 किमी का सफर

दर्री डैम पुल के ऊपर खस्ताहाल सड़क काे नए सिरे से बनाया जा रहा है। सड़क बन जाने से कई साल बाद बारिश में राहगीराें की राह आसान हाे जाएगी, लेकिन इससे पहले निर्माण कार्य में हाे रही लेटलतीफी के कारण 2 माह से राहगीर परेशान हैं। वजह दर्री डैम पुल के ऊपर वाहनाें की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा है।

साइकिल और दाेपहिया वाहन भी न गुजरे, इसके लिए मिट्टी के ऊंचे ढेर लगा दिए गए हैं। पास में वैकल्पिक सड़क भी नहीं बनाई गई है। नतीजा दर्री डैम पुल के 8 साै मीटर की दूरी की बजाए राहगीराें काे मेजर ध्यानचंद चाैक से डाइवर्ट मार्ग ट्रांसपाेर्टनगर, गेरवाघाट बाइपास हाेते करीब 16 किमी का फासला तय करना पड़ रहा है।

कई राहगीर ऐसे हैं, जाे रिस्क लेकर साइकिल और दाेपहिया काे पुल से पार करा रहे हैं। प्रशासन ने राहगीराें काे परेशानी न हाे, इसके लिए ठेकेदार काे निर्माण कार्य शुरू करते समय 25 दिन की माेहलत दी थी, लेकिन धीमी गति के कारण कार्य पूरा नहीं हुआ। कार्य पूरा करने की अवधि बढ़ा दी गई।

अब निर्माण कार्य मनमर्जी से चल रहा है और लेटलतीफी जारी है। ऐसा नहीं कि दर्री डैम के आसपास वैकल्पिक सड़क बनाने विकल्प नहीं है। नहीं है ताे अफसराें का इस ओर ध्यान। दरअसल सड़क निर्माण पूरा हाेते तक दर्री डैम के नीचे सामान्तर पुल के बाजू से दाेपहिया व चार पहिया वाहनाें के लिए वैकल्पिक सड़क तैयार किया जा सकता है।

इसके लिए भवानी मंदिर छाेर की ओर पानी निकासी के लिए काेई ज्यादा खर्च भी नहीं आएगा। बालकाे नगर समेत आसपास क्षेत्र से राेजाना दर्री की ओर आवाजाही करने वाले राहगीराें ने ही यह विकल्प सुझाया। दैनिक भास्कर ने बताए गए स्थान पर पहुंचकर ग्राउंड रिपाेर्टिंग की ताे वैकल्पिक सड़क की राह बहुत आसान नजर आई। सिर्फ अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के ईई एके वर्मा से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने मोबाइल कॉल रिसीव नहीं किए।

वैकल्पिक सड़क के लिए यह उपाय
सामान्तर पुल का कार्य लगभग पूर्णत: की ओर है। इसके बनने के बाद मेजर ध्यानचंद चाैक और भवानी मंदिर की ओर से दर्री की ओर आने-जाने एक और विकल्प मिल जाएगा। निर्माणाधीन सामान्तर पुल के नीचे कार्य के लिए प्रगतिनगर की ओर से वैकल्पिक सड़क है। दूसरे छाेर पर भवानी मंदिर की ओर कुछ फीट की दूरी पर दर्री डैम से निकलने वाले पानी के निकासी की जगह छूटी है। डैम के खुलने से पहले तक उक्त स्थान पर कुछ सीमेंट पाइप लगा व मलबा भरकर वाहनों के लिए वैकल्पिक सड़क तैयार की जा सकती है।

रोजाना 3 हजार लाेग हो रहे परेशान
दर्री डैम पुल के ऊपर से पहले रोजाना 20 हजार से अधिक लाेग गुजरते थे। हालांकि गेरवाघाट बाइपास बनने के बाद दबाव करीब 30 फीसदी कम हाे गया था। वहीं दर्री डैम पुल पर सड़क बनने से अब शत-प्रतिशत वाहनाें और लाेगाें काे डाइवर्ट रूट से गेरवाघाट बाइपास हाेकर आवाजाही करनी पड़ रही है। शहर की ओर से दर्री आवाजाही करने वालाें का दूरी का ज्यादा असर नहीं हुआ है, लेकिन दर्री और बालकाे नगर समेत आसपास क्षेत्र के बीच जाॅब व पढ़ाई के सिलसिले में रोजाना आवाजाही करने वाले 3 हजार लाेग परेशान हैं।

दर्री डैम से गाेपालपुर तक सड़क निर्माण
एक दशक से शहर से कटघाेरा तक की सड़क बारिश में खराब हाे जाती थी। पिछले साल शहर से दर्री डैम के मेजर ध्यानचंद चाेक तक फाेरलेन बना और दूसरे छाेर पर छुरी नगर में नए सिरे से सड़क बनाई। आगे पीडब्ल्यूडी ने मरम्मत कराई। जिला प्रशासन पीडब्ल्यूडी से दर्री डैम के मेजर ध्यानचंद चाैक से लेकर गाेपालपुर तक के सड़क नए सिरे से सीजीआरआईडीसीएल से मिले 40 करोड़ से मरम्मत करा रहा है। निर्माण की गति धीमी हाेने से लगता है इस साल की बारिश में भी दर्री डैम के दूसरे छाेर से दर्री-जमनीपाली तक पहुंचना आसान नहीं होगा।