बेमेतरा के सुप्रसिद्ध गिधवा-परसदा पक्षी विहार में विदेशी पक्षियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. यहां बीते 25 सालों से हजारों मील की दूरी तय कर यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप से पक्षी आते हैं. यहां वॉटर बॉडी में गैडवाल, नॉर्थन पिनटेल, रेड क्रस्टेड पोचार्ड कॉमन पोचार्ड, मार्श, सेंड पाइपर, कॉमन सेंड पाइपर, कॉमन ग्रीन शेंक, कॉमन रेड शेंक जैसी 150 देशी-विदेशी प्रजाति बसेरा करती है
जनवरी में होगा पक्षी महोत्सव
रायपुर-बिलासपुर मार्ग पर नांदघाट से आठ किमी दूर मुंगेली रोड पर गिधवा स्थित है. इको टूरिज्म के विकास और स्थानीय रोजगार की दृष्टि से गिधवा-परसदा में ग्रामवासियों के सहयोग से वन विभाग और उसकी सहयोगी संस्था द्वारा बर्ड फेस्टिवल का आयोजन जनवरी माह में किया जाता है. यहां कार्य करने वाले खेमचंद जायसवाल, भूपेंद्र साहू ने बताया बेमौसम बारिश के दौर में इस बार ज्यादा विदेशी पक्षी नहीं दिख रहे हैं, लेकिन मौसम साफ होते ही इनकी संख्या तेजी से बढ़ेगी.
सर्दियों की दस्तक से होती है आमद
प्रवासी पक्षी यूरोप, मंगोलिया, बर्मा और बांग्लादेश से हर वर्ष अक्टूबर के माह में पहुंचना शुरू हो जाते हैं. 100 एकड़ में फैले पुराने तालाब के साथ ही एक और 50 एकड़ के अलावा परसदा में भी 125 एकड़ के जलभराव वाला जलाशय है. यह क्षेत्र प्रवासी पक्षियों का अघोषित अभयारण्य माना जाता है. यहां के जलाशय की मछलियां, गांव की नम भूमि और जैव विविधता इन्हें आकर्षित करती है.












