नईदिल्ली । दूरसंचार विभाग ने कहा है कि भारत में नाबालिगों को सिम कार्ड जारी नहीं किए जाने चाहिए। इसका सीधा मतलब यह है कि अब 18 साल से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी टेलीकॉम ऑपरेटर से सिम कार्ड नहीं खरीद सकता है। दूरसंचार विभाग ने कहा है कि किसी नाबालिग को सिम कार्ड बेचना दूरसंचार ऑपरेटर द्वारा एक अवैध गतिविधि होगीपिछले दिनों DoT की तरफ से KYC के नियमों में बदलाव किया गया था। जिससे ग्राहक घर बैठे मोबाइल सिम कार्ड हासिल कर सके। साथ ही आसानी से प्री-पेड से पोस्डपेड और पोस्टपेड से प्री-पेड में सिम पोर्ट करा पाएं। हालांकि अब DoT की तरफ से मोबाइल सिम को जारी करने के नियमों को लेकर नये दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं, जिससे सिम कार्ड के फर्जीवाड़े पर रोक लगाया जा सके। दूरसंचार विभाग ने टेलिकॉम ऑपरेटर को से कहा कि देश में किसी भी 18 साल से कम उम्र के नाबालिगों को सिम कार्ड नहीं जारी किया जाए। साथ ही जिन व्यक्ति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे लोगों को सिम-कार्ड जारी करने पर प्रतिबंध लगया गया है। अगर ऐसा करते पाया जाता है, तो इसके लिए टेलिकॉम ऑपरेटर को दोषी माना जाएगा।
एक रिपोर्ट के मुताबिक ग्राहकों को नया सिम लेने के लिए कस्टमर एक्यूजिशन फॉर्म (CAF) फिल करना होता है। यह कस्टमर और टेलिकॉम कंपनियों के बीच एक तरह का कॉन्ट्रैक्ट होता है। इस फॉर्म में कई तहह के टर्म एंड कंडीशन्स होते हैं। इस कॉन्ट्रैक्ट को इंडियन कॉन्ट्रैक्ट लॉ 1872 के तहत लागू किया जाता है। इस कानून के तहत कोई भी कॉन्ट्रैक्ट 18 से ज्यादा उम्र के बीच होना चाहिए। भारत में एक व्यक्ति अधिकतम अपने नाम से 12 सिम खरीद सकता है। इसमें से 9 सिम का इस्तेमाल मोबाइल कॉलिंग के लिए किया जा सकता है। जबकि 9 सिम का इस्तेमाल मशीन-टू-मशीन कम्यूनिकेशन के लिए उपयोग किया जा सकेगा।












